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वहीं सुबह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रभारी मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में 26 से 33 जिले बने, लेकिन एक ही बार में 33 से 50 जिलों वाला राजस्थान बनाने का काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है। उन्होंने कहा कि नए जिलों के गठन से कानून व्यवस्था मजबूत होगी। सुशासन की दृष्टि से आमजन की जिला प्रशासन तक पहुंच आसान होगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुशासन की नवीन शैली विकसित की है। डॉ. गर्ग ने राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे जन कल्याणकारी कार्यों को भी गिनाया। इस मौके पर प्रभारी मंत्री डॉ. गर्ग ने धर्मगुरुओं का पुष्पगुच्छ भेंट कर सत्कार किया। इससे पूर्व कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने अधिसूचना का पठन किया। उन्होंने कहा कि नवीन जिले का गठन मुख्यमंत्री गहलोत के सुशासन की परिकल्पना का ही परिणाम है। यह भी पढ़ें
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अतिरिक्त जिला कलक्टर (तृतीय) डॉ सुनीता पंकज ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र ङ्क्षसह सोलंकी, विधायक शहर मनीषा पंवार, विधायक हीराराम, महापौर नगर निगम उत्तर कुन्ती देवड़ा, जिला प्रमुख लीला मदेरणा, राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष बिनाका जैश मालू, संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा, महानिरीक्षक रेंज जयनारायण शेर, पुलिस आयुक्त रविदत्त गौड़ सहित पार्षद और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।फलोदी कलक्ट्रेट विकसित होगा मिनी सचिवालय की तर्ज पर, ग्रामीण जिले का कार्यालय तय नहीं जोधपुर जिले का दायरा छोटा हो गया है। अब जोधपुर जिला सिर्फ मंडोर से लेकर पाल बालाजी तक रह गया है। यानि की अब पाल बालाजी के दर्शन करके कोई व्यक्ति डाली बाई मंदिर तक भी जाएगा तो वो जोधपुर जिले से निकलकर जोधपुर ग्रामीण जिले में पहुंच जाएगा। जोधपुर ग्रामीण जिले का कार्यालय कहां होगा, यह अभी तक प्रशासन को पता नहीं। इधर, जोधपुर जिले से अलग होकर बने फलोदी जिले का कलक्ट्रेट मिनी सचिवालय की तर्ज पर बनने जा रहा है। फलोदी जिले का कलक्ट्रेट मिनी सचिवालय की तर्ज पर विकसित होगा। इसकी कवायद पूर्व में ही अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालय स्थापित होने के साथ ही की जा चुकी है। अब फलोदी जिला कलक्टर कार्यालय का संचालन भी वर्तमान में एडीएम कार्यालय में किया जाएगा। हालांकि कलक्टर कार्यालय का संचालन शुरू होने तक आईजीएनपी के प्रशासनिक भवन को भी तैयार किया गया है।
राजस्थान स्मार्ट सिटी पर रहेगा सपना स्मार्ट सिटी बनने के लिए जोधपुर ने काफी प्रयास किए थे। आरंभिक तौर पर जब स्मार्ट सिटी की घोषणा की गई थी तो जोधपुर उसमें शामिल नहीं था। उसके बाद से ही प्रयास जारी रहे। उसके बाद खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान स्मार्ट सिटी में जोधपुर को शामिल किया था, लेकिन अब जिलों के विभाजन के बाद स्मार्ट सिटी के दायरे से दूर हो गए है।
जेडीए से मिलने वाली राशि का भी घाटा जेडीए की ओर से काटी जाने वाली कॉलोनियों का 15 प्रतिशत हिस्सा भी जोधपुर को नहीं मिलेगा, क्योंकि जेडीए की ओर से काटी जाने वाली सभी कॉलोनियां जोधपुर ग्रामीण जिले में आएगी तो उसका प्रतिशत भी उसी जिले को मिलेगा। वहीं जोधपुर महानगर बनने के बाद से ही मेट्रो की उम्मीद जगी थी, लेकिन अब जोधपुर शहर को मेट्रो की सौगात भी नहीं मिल पाएगी। क्योंकि मेट्रो मिलने की सबसे बड़ी शर्त आबादी 20 लाख या उससे ज्यादा होना महत्वपूर्ण होती है, लेकिन अब जोधपुर शहर की जनसंख्या 12 लाख से ज्यादा ही रह गई है।