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तम्बाकू चबाने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में एम्स के सर्जिकल ओंकोलॉजी वार्ड में दो कैंसर मरीज भर्ती है और दोनों की उम्र क्रमश: 27 वर्ष और 30 वर्ष है। दरअसल वर्तमान में किशोरावस्था में गुटखा, जर्दा, खैनी खाने की लत लग जाती है। 10 से 15 साल बाद तीस की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते मुख कैंसर हो जाता है। युवाओं में बुजुर्गों की तुलना में मुख कैंसर अधिक घातक होता है और तेजी से फैलकर अन्य अंगों को भी ग्रसित करता है।
फेफड़ा कैंसर के मरीज इसलिए कम भारत में तम्बाकू चबाने के मामले अधिक और विदेशों में धूम्रपान के मामले अधिक है इसलिए भारत में मुख कैंसर अधिक और फैफड़ों का कैंसर तुलनात्मक रूप से कम है। देश में 70 से 85 प्रतिशत मरीज फैफड़ा कैंसर की एडवांस स्टेज में आते हैं, जिससे उनका इलाज हो ही नहीं पाता।
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80% राजस्थान व 20% बाहर के मरीज एम्स जोधपुर में मुख कैंसर से ग्रसित 30 से लेकर 70 वर्ष तक के लोगों की सर्जरी की गई है। इसमें 80 फीसदी राजस्थान और शेष पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के मरीज है। सर्वाधिक मरीज मारवाड़ क्षेत्र के हैं।
कैंसर मामले ब्रेस्ट कैंसर 13.5 लिप व माउथ 10.3 गर्भाशय 9.4 फेफड़ा 5.5 ग्रहणी 4.8
कैंसर मामले आमाशय 4.5 रक्त कैंसर 3.7 अण्डाशय 3.5 लिम्फोसाइट 2.7
लीवर 2.6 (मुख कैंसर के मामलों में 14.8% पुरुषों में और 4.6% महिलाओं में होते हैं।)
युवाओं में अब मुख कैंसर के मामले अधिक बढ़ रहे हैं। कई बार मल्टीपल कैंसर भी हो रहा है यानी मुंह के दाएं तरफ कैंसर के बाद बाएं अथवा मध्य भाग भी चपेट में आ रहा है।
युवाओं में अब मुख कैंसर के मामले अधिक बढ़ रहे हैं। कई बार मल्टीपल कैंसर भी हो रहा है यानी मुंह के दाएं तरफ कैंसर के बाद बाएं अथवा मध्य भाग भी चपेट में आ रहा है।
डॉ जीवन विश्नोई, एसोसिएट प्रोफेसर, सर्जिकल ओंकोलॉजी विभाग, एम्स जोधपुर