पश्चिमी राजस्थान में मसालों में जीरे की फसल प्रमुख मानी जाती है। अच्छी बुवाई और बम्पर उत्पादन के कारण यहां के किसान पिछले कई वर्षो से जीरे की बुवाइ में रूचि दिखा रहे है। इस वर्ष भी रिकॉर्ड बिंजाइ हुई है। संवेदनशील मानी जाने वाली जीरे की फसल के पकने में पश्चिमी विक्षोभ से आने वाली हवाएं, पानी, तापमान सभी कारक सकारात्मक रहे, तो इस बार करीब 32 लाख बोरी जीरा होने का अनुमान है। जो पिछले वर्ष से करीब 7 लाख बोरी अधिक होगा। पिछले वर्ष 25 लाख जीरा उत्पादन हुआ था।
— अगला एक माह निर्णायक जीरे की बिंजाई प्रतिवर्ष अक्टूबर अंत से नवंबर तक होती है । जीरे की फसल की पकने में लगभग 100 दिन लगते है। वर्तमान में, राजस्थान में खेतों में जीरे की फसल खड़ी है । किसानों को सही फसल मिले इसके लिए 15 फरवरी से 15 मार्च तक का समय निर्णायक साबित होगा ।
— देश में सबसे ज्यादा जीरा उत्पादन राजस्थान में मसालों में प्रमुख जीरे का उत्पादन देश में सबसे ज्यादा राजस्थान में होता है । राजस्थान में करीब 55 प्रतिशत जीरा होता है। जिसमें जोधपुर, बाड़मेर, सांचोर, जैसलमेर, नागौर, जालौर, पाली आदि जिले प्रमुख है। शेष 45 प्रतिशत जीरा गुजरात में होता है । क्वालिटी और गुणवत्ता के हिसाब से राजस्थान का जीरा अच्छा माना जाता है।
— इस बार पश्चिमी राजस्थान में जीरा की बिंजाइ रिकॉर्ड स्तर पर है। मौसम ने साथ दिया तो बम्पर उत्पादन के साथ इस बार मारवाड़ का जीरा पूरे विश्व में अपनी चमक बनाएगा। परिणामस्वरूप मंडि़यों में अच्छी आवक होगी और अच्छा व्यापार होगा। पुरुषोत्तम मूंदड़ा, अध्यक्ष जीरा मंडी व्यापार संघ
—— अगला एक माह जीरे की फसल पकने के लिए महत्वपूर्ण समय है। इस दौरान फसल को लगने वाले छाछिया रोग से बचाव के लिए किसानों को विशेषज्ञों से सलाह लेकर आवश्यक उपचार करने चाहिए
डॉ एमएम मेहरिया, वैज्ञानिककृषि विवि, जोधपुर — इस वर्ष 6.20 लाख हैक्टेयर में हुई बिंजाइ शहर—- बिंजाइ (लाख हैक्टेयर में ) जोधपुर- 1.60 जैसलमेर- 1.10 बाडमेर- 1.55 जालोर 0.70
नागोर 0.55 पाली- 0.45 अन्य- 0.25 कुल- 6.20 ———— उत्पादन (लाख बोरी में ) वर्ष —— लाख बोरी 2011-12—- 50 2012-13—- 41 2013-14—- 80
2014-15—- 62 2015-16—-45 2016-17—- 52 2017-18—-25 ———–