वहां के टीवी चैनल और वायरल पोस्ट के जरिये यह बातें जोधपुर में रहने वाले सीमांत लोक संगठन के प्रेमचंद भील तक पहुंची। उन्होंने बताया कि १९४ पाक हिंदू जो कि सदिकाबाद जिले में रहते हैं उन्होंने धर्म-परिवर्तन किया। साथ ही रहिमयारखान के निवासी १० लोगों ने भी धर्म-परिवर्तन किया। प्रेमचंद लगातार पाकिस्तान में हिंदूओं के सम्पर्क हैं और वहां उनके परिचित ज्यादतियों को साझा करते रहते हैं।
पाकिस्तान में एक ही दिन में हुए इस धर्म-परिवर्तन की पश्चिमी राजस्थान व खासतौर पर जोधपुर में काफी चर्चा है। हाल ही में जिन ११ लोगों के शव एक ही खेत में पड़े थे, वे पांच साल पहले एेसी ही प्रताडऩा सहन कर हिंदूस्तान लौटे थे। वे यहां सुकून चाहते थे, लेकिन एेसा हुआ नहीं। उनके सामने वापस पाक जाने का एक विकल्प था लेकिन वहां धर्म-परिवर्तन का डर भी सता रहा था।
पाकिस्तान के सोशल मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर इस खबर को प्रमुख से चलाया जा रहा है। वहां धर्म-परिवर्तन के बाद खुशी की खबरें भी चलाई गई। पाक मीडिया इसे जश्न के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जहां से धर्म-परिवर्तन की खबरें लगातार आ रही हैं वहां १० से १५ लाख के बीच दलित आबादी है। उनमें से कुछ विजिटर्स वीजा या धार्मिक वीजा पर हिंदुस्तान आते हैं, लेकिन यहां स्थाई वीजा की प्रक्रिया काफी पेचिदा है। एेसे में निराश होकर फिर पाकिस्तान लौटना पड़ता है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर धर्म-परिवर्तन का दबाव बनाया जाता है। एेसे में वहां के अल्पसंख्यक भारत आते हैं, लेकिन यहां भी तीन स्तर के अधिकारियों का जाल है। दलाल काफी सक्रिय हैं। यहां भी उनके सुकून नहीं मिलता तो वापस जाकर धर्म-परिवर्तन करने का रास्ता ही उनके पास रह जाता है।
– हिंदूसिंह सोढ़ा, अध्यक्ष, सीमांत लोक संगठन।