घटनास्थल पर मौजूद एक यात्री ने बताया कि भगदड़ के बाद एक के ऊपर एक लाशें और घायल पड़े हुए थे। मामले पर पीएम मोदी ने कहा है कि घटना पर उनकी पूरी नजर है। रेल मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल मुंबई में ही हैं और हर संभव मदद दे रहे हैं।
एेसी ही भगदड़ 30 सितंबर 2008 काे राजस्थान के जाेधपुर में मची थी। भगदड़ के बाद मेहरानगढ़ का किला लोगों की चीत्कार से गूंज उठा था। इस हादसे में करीब 200 से अधिक लाेगाें की माैत हाे गर्इ थी।
मरने वालाें में ज्यादातर युवा थे। नवरात्रि के पहले दिन नौ साल पहले जाेधुपर के मेहरानगढ़ फोर्ट में हुए इस हादसे के बारे में साेचकर लाेग आज भी सिहर उठते हैं। उस दिन मेहरानगढ़ फोर्ट में चामुंडा माता के दर्शन करने के लिए भक्ताें की भीड़ उमड़ी थी।
उसी समय संकरे मार्ग पर भारी भीड़ के बीच एक अफवाह के बाद भगदड़ मच गई। लोग बाहर निकलने को भागे लेकिन भारी भीड़ और संकरे स्थान के कारण बाहर नहीं निकल पाए। भगदड़ में एक के बाद एक कर लोग नीचे गिरते रहे आैर देखते ही देखते लाशाें का ढेर लग गया।
लोग घायल हुए अपने परिजनों की मदद को चिल्लाने लगे, लेकिन कहीं कोई इंतजाम नहीं था। गिने-चुने पुलिस के जवान आैर अन्य लोग घायलों को अपनी पीठ व हाथों में उठा अस्पताल की तरफ भागे। शहर के अस्पतालों में कोहराम मच गया। मृतकों में अधिकतर स्थानीय लोग थे, जिनकी उम्र 20-30 वर्ष थी।
आपकाे बता दें कि जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट में स्थित चामुंडा माता मंदिर को लेकर शहर के लोगों में बहुत आस्था है। ये मारवाड़ राजघराने की आराध्य देवी है। यहीं कारण है कि नवरात्र में माता के दर्शन करने पूरा शहर उमड़ पड़ता है।