एसीबी के उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि आरएएस भर्ती 2018 में बाड़मेर निवासी हरीश पुत्र हनुमानराम जाट उत्तीर्ण हुआ था। साक्षात्कार में 70 से 75 प्रतिशत अंक दिलाने के बदले 20 लाख रुपए रिश्वत दी गई थी, लेकिन 54 प्रतिशत अंक मिलने पर मध्यस्थ ने रिश्वत लौटा दी थी। यह राशि लेकर बाड़मेर लौटने के दौरान कल्याणपुर थाने के सामने आकस्मिक जांच में बोलेरो से 19.95 लाख रुपए जब्त किए गए। 20 लाख रुपए रिश्वत देकर लौटाने का मामला दर्ज कर बाड़मेर में रामनगर निवासी ठाकराराम सारण (45) पुत्र मूलाराम जाट, बाड़मेर में भूरटिया पंचायत समिति निवासी प्राचार्य जोगाराम सारण (40) पुत्र हनुमानराम जाट व बासनी तम्बोलिया निवासी मध्यस्थ किशनाराम (46) पुत्र उगमाराम जाट को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ठाकराराम आरएएस परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी हरीश पुत्र हनुमानराम का चाचा है और बाड़मेर रीको में मदर टेरेसा सीनियर सैकण्डरी स्कूल का संचालक है। जोगाराम सारण बायतु पंचायत समिति राउमावि का प्राचार्य है।
बड़ा सवाल : आरपीएससी में घूसखोर परिचित कौन?
एसीबी ने तीनों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की। मध्यस्थ किशनाराम से आरपीएससी में उस परिचित का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं जिसे २० लाख रुपए रिश्वत मिलनी थी। एएसपी भोपालसिंह लखावत का कहना है कि किशनाराम से पूछताछ कर रहे हैं। जांच में सामने आएगा कि आरपीएससी साक्षात्कार में अच्छे अंक दिलाने के बदले बीस लाख किसे दिए जाने थे।