जोधपुर शहर में नाबालिग बच्चों के लापता होने का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। नाबालिग लड़कों की तुलना में लड़कियां अधिक लापता हो रही हैं। बीते साढे़ तीन साल में शहर में 139 लड़कों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। इस दौरान घर से गायब हुई लड़कियों की संख्या 387 थी। हालांकि पुलिस ने प्रयास करके अधिकांश को ढूंढ निकाला और परिजनों के सुपुर्द कर दिया, लेकिन शिक्षा व जागरुकता के बावजूद बेटियों के लगातार बहकावे में आकर घर छोड़ने से समाजशास्त्री और मनोचिकित्सक भी चिंतित हैं।
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नाबालिग बच्चों का बगैर बताए घर से चले जाना परेशानी का विषय बन रहा है। वापस मिली अधिकांश लड़कियों का कहना है कि उन्हें बहला-फुसला कर ले जाया गया। वे लालच व बहकावे में आ गई थी। घर लौटने पर लड़कियों को लड़कों की तुलना में पछतावा भी अधिक होता है।
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वर्ष 2020 – गुमशुदा लड़के- 20, गुमशुदा लड़की- 88, वापस मिले 108 वर्ष 2021 – गुमशुदा लड़के- 35, गुमशुदा लड़की- 103, वापस मिले 137 वर्ष 2022 – गुमशुदा लड़के- 64, गुमशुदा लड़की- 144, वापस मिले 202
2023- अब तक, गुमशुदा लड़के-22, गुमशुदा लड़की- 52, वापस मिले 63