जवाब : पढ़ाई विशेषकर बोर्ड या प्रतियोगी परीक्षा के दौरान अभिभावक रिजल्ट ओरिएंटेड दबाव बढ़ा देते हैं। अभिभावकों की अपेक्षा के अनुरूप परिणाम देने में नाकामी का भय बच्चों को डिप्रेशन की ओर धकेल देता है। अभिभावकों को बच्चों से योग्यता के अनुरूप ही अपेक्षा रखनी चाहिए और उसी अनुरूप बच्चों को पढ़ाई या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवानी चाहिए।
सवाल : रेगुलर पढ़ाई से तनाव बढ़ता है क्या? जवाब : लगातार 40-50 मिनट पढ़ने के बाद 10 मिनट का ब्रेक जरूर लेना चाहिए। लगातार पढ़ते रहने से न केवल पढ़ाई से मोहभंग होता है, बल्कि उबाऊपन की स्थिति से एकाग्रता भी प्रभावित होती है। पढ़ाई के साथ मनोरंजन और खेल-व्यायाम भी जरूरी है। शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, तभी हम पढ़ाई पर समुचित ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। परीक्षा के दौरान अभिभावकों को भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा पढ़ाई के बीच ब्रेक ले रहा है या नहीं?
सवाल : परीक्षा के दाैरान नींद कितनी जरूरी है? जवाब : हर आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छह से आठ घंटे रेगुलर नींद जरूरी है। साथ ही संतुलित आहार और व्यायाम भी जरूरी है। अनिद्रा या अनियमित नींद भी परेशानी बढ़ा देती है। इस स्थिति में संतुलित आहार पर ध्यान नहीं देने और व्यायाम छोड़ देने से भी मानसिक संतुलन गड़बड़ाने लगता हैँ। बोर्ड परीक्षा या प्रतियोगी परीक्षा के दौरान घर में तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।