शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की नौकरियों में भागीदारी बढ़ी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं अभी भी पुरुषों की तुलना में काफी पीछे हैं। ग्रामीण क्षेत्र की 70 प्रतिशत महिलाएं मुख्य तौर पर कृषि क्षेत्र से जुड़ी हैं। इनमें से लगभग 37 प्रतिशत महिलाएं कृषक हैं, लेकिन वे सिंचाई, रोपाई जैसे कामों में अधिक सक्रिय हैं। बैंकों से मिलने वाले ऋणों में भी महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है, भले ही सरकार ने उनके लिए कानून बनाया हो, लेकिन संपत्तियों में कम अधिकार होने के चलते महिलाओं को बैंकों से लोन आसानी से नहीं मिलता है।
संपत्ति में अधिकार
कानून के तहत महिलाओं को संपत्ति में बेटों के समान अधिकार दिए गए हैं, लेकिन वास्तव में उन्हें इस कानून का ज्यादा फायदा नहीं मिला है। यह इस बात से साबित हो जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 70 प्रतिशत जमीनें आज भी पुरुषों के पास है। शहरी इलाकों में भी महिलाओं के पास ज्यादा संपत्ति नहीं है। सरकार ने भले ही संपत्ति में अधिकार को लेकर महिलाओं के लिए कानून बनाए हों, लेकिन अधिकतर महिलाएं इसका फायदा नहीं उठा पाती हैं या उन्हें कानून की जानकारी ही नहीं होती है।