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UPSC CSE 2020: IFS अधिकारी बनना है तो ऐसे बनाएं रणनीति, गारंटीड होगा सलेक्शन

भारतीय वन सेवा अखिल भारतीय सेवाओं के बीच देश में सबसे प्रतिष्ठित नौकरशाही पदों में से एक है। आकर्षक वेतनमान के अलावा, आइएफएस अधिकारियों को वन्य जीवन का अनुभव करने का अवसर मिलता है, जो कुछ ऐसा है जिसने कई लोगों को अपने कॅरियर विकल्प का चयन करने के लिए प्रेरित किया है।

Jun 06, 2020 / 10:32 pm

Jitendra Rangey

UPSC CSE 2020: IFS अधिकारी बनना है तो बनाएं रणनीति, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

भारतीय वन सेवा अखिल भारतीय सेवाओं के बीच देश में सबसे प्रतिष्ठित नौकरशाही पदों में से एक है। आकर्षक वेतनमान के अलावा, आइएफएस अधिकारियों को वन्य जीवन का अनुभव करने का अवसर मिलता है, जो कुछ ऐसा है जिसने कई लोगों को अपने कॅरियर विकल्प का चयन करने के लिए प्रेरित किया है। आइएफएस अधिकारी बनने के लिए सिविल सेवा परीक्षा पास करने के साथ—साथ कुछ अन्य मानको को भी पूरा करना पड़ता है। यूपीएससी के निर्धारित मानकों के अनुसार उम्मीदवारों को शारीरिक रूप से फिट होना आवश्यक है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
पात्रता का रखें ध्यान
आवेदन करने के लिए, उम्मीदवारों को उन विषयों में स्नातक पूरा करना चाहिए जो वन सेवा के एक अधिकारी से अपेक्षित कौशल और ज्ञान के लिए जरूरी है। इसके अलावा भर्ती की आयु सीमा का पालन करना चाहिए।
न्यूनतम पात्रता शर्तों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के बाद, आइएफएस अधिकारी बनने के इच्छुक लोगों को यूपीएससी की वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन आवेदन पत्र को भरना होगा। आवेदन प्रक्रिया यूपीएससी की वेबसाइट पर हर साल फरवरी—मार्च में शुरू होती है और प्रारंभिक परीक्षा मई में होती है। इस वर्ष, हालांकि, COVID-19 के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई है। आइएफएस परीक्षा के आवेदकों को आइएफएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किया जाता है।
प्रीलिम्स की करें तैयारी
यह वही परीक्षा है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के चयन के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए आयोजित की जाती है। यह निर्धारित करने के लिए कि कोई व्यक्ति चयन के अगले चरण में आगे बढ़ सकता है या नहीं, प्रीलिम्स एक निर्णायक चरण का गठन करता है। वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों को शामिल करने वाले प्रिलिम्स को पास करने के लिए व्यापक तैयारी की आवश्यकता होती है।
मुख्य परीक्षा होती महत्वपूर्ण
आइएफएस चयन के परिणाम के आधार पर, उम्मीदवारों को चयन के अगले दौर के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है। मुख्य परीक्षा में उपस्थित होने के लिए इन क्वालीफायर को नए एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। यहीं से असली परीक्षा शुरू होती है। मुख्य परीक्षा में उम्मीदवारों को अपने विचारों का वर्णन करना होता है। मुख्य परीक्षा में सरल वर्णनात्मक प्रश्न नहीं होते हैं। यहां पर उम्मीदवारों को मन की उपस्थिति, सोचने की क्षमता और अवधारणाओं को जोड़ने और महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए परीक्षण किया जाता है।
अंतिम चरण साक्षात्कार
लिखित परीक्षा के बाद चयन प्रक्रिया के अंतिम चरण साक्षात्कार है, जिसमें केवल मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले ही उपस्थित होने के पात्र बनते हैं। पहले दो चरणों के विपरीत, जहां उम्मीदवार तैयारी रणनीति पर भरोसा कर सकते हैं जैसे कि पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का पढ़ना लेकिन साक्षात्कार की अलग तैयारी करनी होती है। उम्मीदवार द्वारा किए गए अनुभव और योग्यता के दावों के सत्यापन के अलावा, यह वह चरण है जिस पर यूपीएससी व्यक्तिगत रूप से क्वालीफायर के साथ बातचीत करता है ताकि रिक्तियों को भरने के लिए उनमें से सर्वश्रेष्ठ का चयन किया जा सके।
तीन बातें हैं जरूरी
एक अधिकारी बनने के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को याद रखना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कोई शॉर्टकट नहीं है। कठिन अध्ययन करने के लिए और प्रीलिम्स को क्वालिफ़ाइ करने के लिए सिलेबस को कवर करना चाहिए। दूसरे, अखिल भारतीय सेवाओं में से एक होने के नाते, उम्मीदवारों को देश के वन संसाधनों के संरक्षण के संदर्भ में निर्णय लेने सहित विभिन्न जिम्मेदारियों को संभालने के लिए तैयार रहना चाहिए। तीसरा प्रकृति के साथ लगाव जरूरी है।

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