यूपीएससी सीएमएस की तैयारी शुरू करने के लिए, परीक्षा का पाठ्यक्रम जानना आवश्यक है। पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी के बिना, एक अच्छी तैयारी की रणनीति बना पाना मुश्किल है। पाठ्यक्रम
पेपर I (250 अंक)
पेपर I में, उम्मीदवारों को दो खंड तैयार करने होंगे: जनरल मेडिसिन और पेडियाट्रिक्स। विस्तृत सिलेबस आधिकारिक नोटिफिकेशन में देखें।
पेपर II (250 अंक)
शल्य चिकित्सा
स्त्री रोग और प्रसूति
इस खंड को आगे तीन भागों में विभाजित किया गया है अर्थात् स्त्री रोग, प्रसूति और परिवार नियोजन।
निवारक सामाजिक और सामुदायिक चिकित्सा ऐसे करें यूपीएससी सीएमएस परीक्षा की तैयारी
यूपीएससी सीएमएस के लिए पाठ्यक्रम बहुत बड़ा है। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए उम्मीदवार के पास पर्याप्त समय होना जरुरी है। इसलिए उम्मीदवारों को उचित शेड्यूल बनाकर बुद्धिमानी से परीक्षा के प्रत्येक विषय की रणनीतिक तैयारी करनी चाहिए।
शल्य चिकित्सा
स्त्री रोग और प्रसूति
इस खंड को आगे तीन भागों में विभाजित किया गया है अर्थात् स्त्री रोग, प्रसूति और परिवार नियोजन।
निवारक सामाजिक और सामुदायिक चिकित्सा ऐसे करें यूपीएससी सीएमएस परीक्षा की तैयारी
यूपीएससी सीएमएस के लिए पाठ्यक्रम बहुत बड़ा है। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए उम्मीदवार के पास पर्याप्त समय होना जरुरी है। इसलिए उम्मीदवारों को उचित शेड्यूल बनाकर बुद्धिमानी से परीक्षा के प्रत्येक विषय की रणनीतिक तैयारी करनी चाहिए।
1. सामान्य विषयों के प्रश्नों को न छोड़ें। कभी-कभी वे किसी भी अनदेखी स्थिति में आ जाते हैं। इसलिए उम्मीदवारों को ऐसे विषयों के लिए भी तैयारी करनी चाहिए।
2. पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र जरूर हल करें। उन्हें हल करने से यूपीएससी सीएमएस की तैयारी के स्तर के बारे में जानना आसान होगा। इन्हे हल करने से उम्मीदवार को हौसला और विश्वास मिलता है।
2. पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र जरूर हल करें। उन्हें हल करने से यूपीएससी सीएमएस की तैयारी के स्तर के बारे में जानना आसान होगा। इन्हे हल करने से उम्मीदवार को हौसला और विश्वास मिलता है।
3. उम्मीदवारों को परीक्षा से कम से कम 6 महीने पहले अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। यह पाठ्यक्रम को पूरा करने और मॉक टेस्ट का अभ्यास करने के लिए पर्याप्त समय होता है।
4. एक बार पाठ्यक्रम की समझ के साथ नोट्स बनाना शुरू करें। उनका प्रिंट आउट लें या उन्हें ऑनलाइन बुकमार्क करें।
5. परीक्षा की अच्छी तैयारी करने के लिए यह एक बहुत ही सामान्य और उपयोगी रणनीति है। जो विषय बहुत ही अलग लगते हैं और उनमें रुचि नहीं है, ऐसे विषयों को भी लिस्ट में जोड़ें और उचित समय देवें।
6. नेगेटिव मार्किंग का विशेष ध्यान रखें।
4. एक बार पाठ्यक्रम की समझ के साथ नोट्स बनाना शुरू करें। उनका प्रिंट आउट लें या उन्हें ऑनलाइन बुकमार्क करें।
5. परीक्षा की अच्छी तैयारी करने के लिए यह एक बहुत ही सामान्य और उपयोगी रणनीति है। जो विषय बहुत ही अलग लगते हैं और उनमें रुचि नहीं है, ऐसे विषयों को भी लिस्ट में जोड़ें और उचित समय देवें।
6. नेगेटिव मार्किंग का विशेष ध्यान रखें।