7 जनवरी, 2019 को निर्गत शासनादेश द्वारा टी.ई.टी.परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 65 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग एवं अन्य आरक्षित वर्गों के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया था।
उम्मीदवारों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया था। बाद में, उच्च न्यायालय ने मुख्य रिट याचिका रामशरण मौर्य बनाम राज्य सरकार ’की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के पक्ष में अपना फैसला दिया था. 21 मई को, उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि, शिक्षामित्रों द्वारा रखे गए सहायक अध्यापकों के पदों पर रोक लगाते हुए, शेष रिक्तियों को भरा जाए।