फरवरी में राज्य सरकार ने राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन अधिनियम 2019 के तहत गुर्जर, रायका-रेबारी, गादिया लुहार, बंजारा और गड़रिया को अति पिछड़ा वर्ग को 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इस आरक्षण पर रोक नहीं लगने पर यह विशेष अनुमति याचिका दायर हुर्ई थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय की थी, इसलिए गुर्जर व अन्य जातियों को अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस आरक्षण के कारण 50 प्रतिशत की सीमा पार हो गई है, इसलिए यह असंवैधानिक है। मगर, हाईकोर्ट ने इस पर रोक नहीं लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, याचिका हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ है, इसलिए दखल नहीं दिया जाएगा।