नहीं मिली स्कूली शिक्षा
32 साल के पीट कैशमोर स्कॉटलैंड के बांचोरी के निवासी हैं। 13 साल की उम्र में उनका अपेंडिक्स का आॅपरेशन हुआ था। जिसकी वजह से वे स्कूल नहीं जा सके। लेकिन उन्हें कभी भी स्कूली शिक्षा से वचिंत रह जाने का मलाल नहीं हुआ। बल्कि कठिन चुनाैतियों का सामना करते हुए,उन्होंने मैशेबल जैसी प्रतिष्ठित डिजिटल मीडिया फर्म की स्थापना की।
32 साल के पीट कैशमोर स्कॉटलैंड के बांचोरी के निवासी हैं। 13 साल की उम्र में उनका अपेंडिक्स का आॅपरेशन हुआ था। जिसकी वजह से वे स्कूल नहीं जा सके। लेकिन उन्हें कभी भी स्कूली शिक्षा से वचिंत रह जाने का मलाल नहीं हुआ। बल्कि कठिन चुनाैतियों का सामना करते हुए,उन्होंने मैशेबल जैसी प्रतिष्ठित डिजिटल मीडिया फर्म की स्थापना की।
जितना हो सकते उतना सीख लूं
पीट कैशमोर का कहना है कि मैंने कंप्यूटरों के इस्तेमाल से अपने आप पढना शुरू कर दिया, मेरा प्रयास होता था कि मैं जितना हो सकते उतना सीख लूं।
पीट कैशमोर का कहना है कि मैंने कंप्यूटरों के इस्तेमाल से अपने आप पढना शुरू कर दिया, मेरा प्रयास होता था कि मैं जितना हो सकते उतना सीख लूं।
कम्प्यूटर की दोस्ती
कैशमौर अपने रूम बैठ कर सारा समय इंटरनेट पर ब्राउसिंग करते हुए बिताते थे। ब्लाॅग्स पढने आैर ढूढने में उन्हें बेहद पंसद आता था। इंटरनेट के प्रति अपने इस झुकाव के चलते वे अपने दाेस्ताें से भी कट गए,लेकिन इसकी भरपार्इ उन्होंने कम्प्यूटर से दोस्ती करके कर ली।
कैशमौर अपने रूम बैठ कर सारा समय इंटरनेट पर ब्राउसिंग करते हुए बिताते थे। ब्लाॅग्स पढने आैर ढूढने में उन्हें बेहद पंसद आता था। इंटरनेट के प्रति अपने इस झुकाव के चलते वे अपने दाेस्ताें से भी कट गए,लेकिन इसकी भरपार्इ उन्होंने कम्प्यूटर से दोस्ती करके कर ली।
ढेरों अवसर
कैशमौर की माने तो इंटरनेट एक एेसी जगह है जहां दुनिया भर का ज्ञान छिपा हुआ है। वे हमेशा से इंटरनेट आैर उस ताकत के कायल थे जो हर व्यक्ति के लिए बिना किसी भेदभाव के ढेरों अवसराें का संसार खोल देता है।
कैशमौर की माने तो इंटरनेट एक एेसी जगह है जहां दुनिया भर का ज्ञान छिपा हुआ है। वे हमेशा से इंटरनेट आैर उस ताकत के कायल थे जो हर व्यक्ति के लिए बिना किसी भेदभाव के ढेरों अवसराें का संसार खोल देता है।
बेडरूम से शुरू की मैशेबल
pete cashmore ने 19 साल की उम्र में खुद का ब्लाॅग शुरू करने का मन बनाया आैर फलस्वरूप एक प्रभावशाली टेक्नोलाॅजी ब्लाॅग का जन्म हुआ। 2005 में उन्होंने अपने बेडरूम से ख्यातिप्राप्त मैशेबल की शुरूआत की। मैशेबल का जन्म मुख्यधारा के दर्शकों को टेक्नोलाॅजी समझाने वाली एक छोटी सी परियोजना के तौर पर हुआ था।
pete cashmore ने 19 साल की उम्र में खुद का ब्लाॅग शुरू करने का मन बनाया आैर फलस्वरूप एक प्रभावशाली टेक्नोलाॅजी ब्लाॅग का जन्म हुआ। 2005 में उन्होंने अपने बेडरूम से ख्यातिप्राप्त मैशेबल की शुरूआत की। मैशेबल का जन्म मुख्यधारा के दर्शकों को टेक्नोलाॅजी समझाने वाली एक छोटी सी परियोजना के तौर पर हुआ था।
अवसर को पहचाना
पीट का कहना है कि मेरा किसी से ज्यादा संपर्क नहीं था आैर न ही मैं सिलिकाॅन वैली में था, मुझे एक बाहरी व्यक्ति रूप जाना जाता था आैर यही सब मेरे लिए फायदेमंद स्थिति थी क्योंकि यहां एक विशाल बाजार था जो यह जानना चाहता था कि सबसे अच्छे गैजेटस कौन से हैं आैर कैसे फेसबुक, टिवटर आैर दूसरी टेक्नोलाजी का उपयोग किया जाता है।
पीट का कहना है कि मेरा किसी से ज्यादा संपर्क नहीं था आैर न ही मैं सिलिकाॅन वैली में था, मुझे एक बाहरी व्यक्ति रूप जाना जाता था आैर यही सब मेरे लिए फायदेमंद स्थिति थी क्योंकि यहां एक विशाल बाजार था जो यह जानना चाहता था कि सबसे अच्छे गैजेटस कौन से हैं आैर कैसे फेसबुक, टिवटर आैर दूसरी टेक्नोलाजी का उपयोग किया जाता है।
सोने का समय बदला
शुरूअाती दौर में पीट को जल्द ही महसूस हो गया था कि इंग्लैंड में उनके लिए उतने विजिटर नहीं जितने वो चाहते हैं। विजिटर बढाने के लिए उन्होेंने अपने सोने के समय में बदलाव कर दिया आैर अमरिका के प्राइम टाइम में घंटों काम किया। जल्द ही उन्हाेंने अपनी लिस्ट में बहुत से पाठकों का इजाफा कर लिया।
शुरूअाती दौर में पीट को जल्द ही महसूस हो गया था कि इंग्लैंड में उनके लिए उतने विजिटर नहीं जितने वो चाहते हैं। विजिटर बढाने के लिए उन्होेंने अपने सोने के समय में बदलाव कर दिया आैर अमरिका के प्राइम टाइम में घंटों काम किया। जल्द ही उन्हाेंने अपनी लिस्ट में बहुत से पाठकों का इजाफा कर लिया।
हर महीने 23 मिलियन पाठक
पीट ज्यादा से ज्यादा ग्राहक पाना चाहते थे। वे हर दिन रिकार्ड तोडते थे। आैर उसी लगन के चलते आज मैशेबल एक सोशल मीडिया न्यूज साइट है जहां हर महीने 23 मिलियन पाठक होते हैं।
पीट ज्यादा से ज्यादा ग्राहक पाना चाहते थे। वे हर दिन रिकार्ड तोडते थे। आैर उसी लगन के चलते आज मैशेबल एक सोशल मीडिया न्यूज साइट है जहां हर महीने 23 मिलियन पाठक होते हैं।
दुनिया के शीर्ष 100 लोगों में शामिल
वर्तमान में पीट करीब 600 करोड़ रूपए की संपत्ति के मालिक हैं। वे टाइम मैगजीन्स की लिस्ट में दुनिया के शीर्ष 100 लोगों में शामिल हैं। फोर्ब्स के टाॅप 25 वेब सेलेब्स और 2009 में हफिंगटन पोस्ट के टॉप 10 गेम चेंजर्स में इनका नाम शामिल है।
वर्तमान में पीट करीब 600 करोड़ रूपए की संपत्ति के मालिक हैं। वे टाइम मैगजीन्स की लिस्ट में दुनिया के शीर्ष 100 लोगों में शामिल हैं। फोर्ब्स के टाॅप 25 वेब सेलेब्स और 2009 में हफिंगटन पोस्ट के टॉप 10 गेम चेंजर्स में इनका नाम शामिल है।
हौसला जरूरी है
pete cashmore का कहना है कि बहुत सारे लोग अलग-अलग तरह की रोमांचकारी चीजें कर रहे थे आैर वे चाहते थे कि वे पूरी दुनिया अपनी मुठठी में करलेें। लेकिन जो एेसा सच में चाहते थे उनके पास वहां तक पहुंचने का अच्छा प्लान भी था आैर उस रास्ते में चलने का हौसला भी।
pete cashmore का कहना है कि बहुत सारे लोग अलग-अलग तरह की रोमांचकारी चीजें कर रहे थे आैर वे चाहते थे कि वे पूरी दुनिया अपनी मुठठी में करलेें। लेकिन जो एेसा सच में चाहते थे उनके पास वहां तक पहुंचने का अच्छा प्लान भी था आैर उस रास्ते में चलने का हौसला भी।
सफलता का एक नायाब उदाहरण
pete cashmore ने दुनियाभर के सामने सफलता का एक नायाब उदाहरण पेश किया जिसे देखकर कहा जाए की अगर इंसान अपनी काबिलियत का पहचान ले ताे स्कूली शिक्षा से वंचित रहने के बाद भी वह सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है।
pete cashmore ने दुनियाभर के सामने सफलता का एक नायाब उदाहरण पेश किया जिसे देखकर कहा जाए की अगर इंसान अपनी काबिलियत का पहचान ले ताे स्कूली शिक्षा से वंचित रहने के बाद भी वह सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है।