Motivational Story नौकरी के अंतिम दौर में पढ़ाई कर उन्होंने खुद को परख लिया था कि वे प्रतियोगी परीक्षा को पास कर सकते है। मैनेजमेंट की नौकरी कर वे आम लोगों से दूर हो गए। गौरव को लगा कि वे आम लोगों की मदद के लिए कुछ खास नहीं कर पाएंगे। ऐसे में उन्होंने आईएएस बनने का फैसला लिया। पहले ही प्रयास में गौरव आईपीएस में सिलेक्ट हो गए। उसके बाद वे हैदराबाद में ट्रेनिंग के लिए चले गए। हालांकि आईपीएस की नौकरी से भी वे संतुष्ट नहीं थे। इसलिए दूसरी बार फिर उन्होंने कोशिश की। और दूसरी बार न केवल उन्होंने टॉप किया बल्कि चार सालों से चले आ रहे लड़कियों के रूतबे को भी खत्म किया। गुरव अग्रवाल ने टॉप करने के साथ ही अपने सपनों को भी साकार कर लिया था।