52 प्रकरणों की सुनवाई
डॉ. शिवसिंह राठौड़ की अध्यक्षता में बुधवार को 52 प्रकरणों की सुनवाई हुई। इनमें से 29 प्रकरणों में नियमानुसार विभिन्न प्रकार के वर्ग परिवर्तन, जन्म तिथि, पता, शैक्षणिक योग्यता और अन्य में फुल कमीशन की 24 अप्रेल को आयोजित बैठक के अनुसार ऑनलाईन संशोधन परिवर्तन को मंजूरी दी गई। उच्च न्यायालय के चार न्यायिक प्रकरण भी समिति के समक्ष रखे गए। इन अभ्यावेदनों का भी समिति ने निस्तारण किया गया। भविष्य में भी प्री-लिटिगेशन समिति की बैठक नियमित अन्तराल में होगी।
संशोधन का मौका
संयुक्त सचिव दीप्ति शर्मा ने बताया कि आयोग जल्द प्रेस विज्ञप्ति जारी करेगा। साथ ही प्री-लिटिगेशन समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने वाले अभ्यर्थियों सात दिन की अवधि में में अनुमत ऑनलाईन संशोधन के लिए सूचित किया जाएगा। अभ्यर्थियों से प्राप्त परिवेदना/शिकायतों पर प्रि-लिटिगेशन नियमित चर्चा करेगी।
आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 का मामला, आयोग करेगा खंडपीठ में अपील
RAS Pre परीक्षा-2018 का परिणाम दुबारा जारी करने के आदेश के खिलाफ राजस्थान लोक सेवा आयोग हाइकोर्ट की खंडपीठ में अपील करेगा। फुल कमीशन की बैठक और विधिक राय के बाद यह फैसला लिया गया है। हाइकोर्ट की एकल पीठ ने हाल ही अप्रेल में आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 के प्रश्न संख्या 11 और 22 को हटाने सहित नए सिरे से परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे। इसको लेकर 24 अप्रेल को आयोग की फुल कमीशन की बैठक हुई थी।
कमीशन ने महाधिवक्ता सहित आयोग के विधि सलाहकार, अधिवक्ता से विधिक राय लेने की अनुशंसा की। बीते दो-तीन से आयोग विधिक राय लेने में जुटा था। यह प्रक्रिया पूरी हो गई है। सचिव के. के. शर्मा ने बताया कि आयोग ने हाइकोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर करने का फैसला किया है।
सिरदर्द बनी आरएएस 2018 परीक्षा
आरएएस-2018 परीक्षा शुरुआत से आयोग के लिए सिरदर्द बनी हुई है। परीक्षा पिछले साल 5 अगस्त को कराई गई थी। 23 अक्टूबर को देर रात नतीजा जारी किया गया। इसकी कट ऑफ को लेकर सुरज्ञान सिंह और अन्य ने याचिका लगाई। हाइकोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा का विस्तारित परिणाम निकाला। इसमें 7145 अभ्यर्थियों को अस्थाई रूप से सफल घोषित किया गया। बीते दिनों ही हाईकोर्ट ने मुख्य परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगाई थी। मालूम हो कि 1017 पदों की भर्ती के लिए आरएएस 2018 की परीक्षा कराई गई है।