राजस्थान हाइकोर्ट ने RPSC RAS Pre Exam-2018 के प्रश्न संख्या 11 और 22 को हटाने सहित नए सिरे से परिणाम जारी करने के आदेश दिए हैं। इसको लेकर बुधवार को आयोग की फुल कमीशन की बैठक हुई। इसमें अध्यक्ष दीपक उप्रेती सहित सदस्य डॉ. शिवसिंह राठौड़, डॉ. के. आर. बगडिय़ा, एस. एल. मीना, राजकुमारी गुर्जर और रामूराम राइका शामिल हुए। कमीशन ने इस मामले में महाधिवक्ता सहित आयोग के विधि सलाहकार, अधिवक्ता से विधिक राय लेने की अनुशंस की।
रिपोर्ट रखेंगे फुल कमीशन में
सचिव के. के. शर्मा ने बताया कि आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 से जुड़े हाइकोर्ट के आदेश पर विधिक राय ली जाएगी। यह रिपोर्ट दोबारा होने वाली फुल कमीशन की बैठक में रखी जाएगी। इसके आधार पर आयोग हाइकोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर करने, परिणाम जारी करने या नहीं करने का फैसला करेगा। मालूम हो कि हाइकोर्ट के आदेशों की पालना किए जाने पर प्रारंभिक परीक्षा की कट ऑफ माक्र्स में बदलाव होगा। इससे मुख्य परीक्षा के लिए चयनित कई अभ्यर्थी बाहर होंगे। पिछले दिनों हाइकोर्ट ने आरएएस मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी करने पर भी रोक लगाई है।
शुरुआत से परेशानी
आयोग ने गत वर्ष 5 अगस्त को आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 कराई थी। परिणाम तैयार करने से पहले 15 गुणा अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के मामले में कार्मिक विभाग से राय मांगी गई। फिर आयोग ने परीक्षण किया। 23 अक्टूबर को रात 1 बजे नतीजा जारी किया। इसकी कट ऑफ को लेकर याचिका लगाई गई। बताया कि सामान्य कट ऑफ 76.06 और ओबीसी की कट ऑफ 99.33 रही। याचिकाकर्ता ने सामान्य वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक हासिल किए। इसके बावजूद मुख्य परीक्षा के लिए पात्र नहीं माना।
2013 से मुसीबत
वर्गवार 15 गुणा अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के मामले में आयोग को पिछली परीक्षाओं में भी दिक्कतें हुई थी। वर्ष 2013, 2015 और 2016 में तो यह मुसीबत साबित हुआ। मामले राजस्थान हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए। राजस्थान प्रशासनिक एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2016 के पदस्थापन ही रुके हुए हैं। अब आरएएस-2018 परीक्षा भी इसी परेशानी से जूझती दिख रही है। आरएएस मुख्य परीक्षा-2018 का आयोजन 25 और 26 जून को होना है।