आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 की कट ऑफ को लेकर याचिका लगाई गई। इसमें बताया गया कि सामान्य की कट ऑफ 76.06 और ओबीसी की कट ऑफ 99.33 रही। याचिकाकर्ता ने सामान्य वर्ग की कट ऑफ से अधिक अंक हासिल किए। इसके बावजूद आयोग ने मुख्य परीक्षा के लिए पात्र नहीं माना।
…फिर लेंगे नीतिगत निर्णय
राजस्थान हाइकोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी करने के अलावा एक दिसम्बर को आदेश दिया। इसमें आयोग को ओबीसी के अभ्यर्थियों को राहत देते हुए उन्हें भी मुख्य परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए है।
राजस्थान हाइकोर्ट ने आयोग को नोटिस जारी करने के अलावा एक दिसम्बर को आदेश दिया। इसमें आयोग को ओबीसी के अभ्यर्थियों को राहत देते हुए उन्हें भी मुख्य परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए है।
हो रही दिक्कत
वर्गवार 15 गुना अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के मामले में आयोग को पिछली परीक्षाओं में भी दिक्कतें हुई थी। वर्ष 2013, 2015 और 2016 की परीक्षाओं में तो यह मुसीबत साबित हुआ। RAS-2016 के पदस्थापन रुके हुए हैं। प्रारंभिक परीक्षा स्तर पर १५ गुणा से अधिक सफल अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा से बाहर रखने पर हाइकोर्ट में याचिका लगाई गई थी।
वर्गवार 15 गुना अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के मामले में आयोग को पिछली परीक्षाओं में भी दिक्कतें हुई थी। वर्ष 2013, 2015 और 2016 की परीक्षाओं में तो यह मुसीबत साबित हुआ। RAS-2016 के पदस्थापन रुके हुए हैं। प्रारंभिक परीक्षा स्तर पर १५ गुणा से अधिक सफल अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा से बाहर रखने पर हाइकोर्ट में याचिका लगाई गई थी।
न्यायालय के आदेश की प्रति अभी मिली नहीं है। इस मामले में पहले विधिक राय ली जाएगी। फुल कमीशन के फैसले के बाद ही नीतिगत निर्णय लिया जाएगा।
– पी.सी.बेरवाल, सचिव RPSC
– पी.सी.बेरवाल, सचिव RPSC