सर्वे में शामिल दो तिहाई लोगों ने माना कि पचास सालों में रोबोट्स इंसान वाले लगभग सभी काम करने लगेंगे। यूनान में 52 फीसदी ने कहा कि यह होकर रहेगा। हालांकि लोगों ने कहा कि नौकरियां जाएंगी तो उससे बेहतर अवसर भी सामने आएंगे। तीन देशों में माना गया कि ऑटोमैशन से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। जापान (74 फीसदी), पौलेंड व हंगरी (52-52 फीसदी) में यह राय सामने आई।
इंसानों से कम पैसा देना पडता है
चीन की ई-कॉमर्स कंपनी जेडी डॉट कॉम ने दो लाख बक्से रोज पैकिंग वाली जगह पर केवल चार लोगों को काम पर रखा है क्योंकि बाकी का काम रोबोट करते हैं। अमरीकी स्टडी के मुताबिक वहां रोबोट से प्रति घंटे काम करने की लागत मात्र चार डॉलर प्रति घंटे आती है जबकि इंसान के लिए उन्हें 36 डॉलर प्रति घंटे देने पड़ते हैं।
चीन की ई-कॉमर्स कंपनी जेडी डॉट कॉम ने दो लाख बक्से रोज पैकिंग वाली जगह पर केवल चार लोगों को काम पर रखा है क्योंकि बाकी का काम रोबोट करते हैं। अमरीकी स्टडी के मुताबिक वहां रोबोट से प्रति घंटे काम करने की लागत मात्र चार डॉलर प्रति घंटे आती है जबकि इंसान के लिए उन्हें 36 डॉलर प्रति घंटे देने पड़ते हैं।
नई कंपनियों में नहीं जाएगी नौकरी
तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। अमरीकी अर्थशास्त्री जेम्स बेसेन का कहना है कि यह सर्वव्यापी सिद्दांत है जिसमें नई शुरू होने वाली कंपनी या उद्योग अपने कामगारों को निकालने का जोखिम नहीं लेते हैं। शुरुआत में उनके उत्पाद भी खूब बिकते हैं इसलिए वे छंटनी के पक्ष में नहीं होते हैं।
तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। अमरीकी अर्थशास्त्री जेम्स बेसेन का कहना है कि यह सर्वव्यापी सिद्दांत है जिसमें नई शुरू होने वाली कंपनी या उद्योग अपने कामगारों को निकालने का जोखिम नहीं लेते हैं। शुरुआत में उनके उत्पाद भी खूब बिकते हैं इसलिए वे छंटनी के पक्ष में नहीं होते हैं।