एक लेटेस्ट रिसर्च में पाया गया कि भर्ती करने वाले मैनेजर के लिए एआई जनरेटेड रिज्यूमे रेड-फ्लैग की कैटगरी में आ रहे हैं। इस सर्वे के दौरान पाया गया कि भर्ती करने वाले आधे से अधिक (53%) मैनेजर का कहना है कि उन्हें एआई-जनरेटेड रिज्यूमे प्राप्त होते हैं।
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इस रिसर्च में पाया गया कि एआई से बने रिज्यूमे देखने में बनावटी और झूठे लगते हैं। जानकारों का कहना है कि जब भी कोई रिज्यूमे देखते हैं तो बहुत जरूरी है कि उसमें दी गई स्किल्स और एक्सपीरियंस की जानकारी सच्ची हो। इस रिसर्च में एक और बात निकलकर सामने आई। यदि आप रिज्यूमे बनाने के लिए पूरी तरह से AI पर भरोसा करते हैं तो यह बताता है कि आप अपनी नौकरी के लिए सीरियस नहीं हैं।
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ऐसा नहीं कि आप रिज्यूमे बनाने के लिए AI की मदद भी नहीं ले सकते। नौकरी की तलाश रखने वाले लोग रिज्यूमे बनाने के लिए एआई का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन आपको अपना ड्राफ्ट जैसे कि स्किल्स, अनुभव, कमियां और खूबियों के बारे में खुद से लिखना चाहिए। मोटेतौर पर कहें तो आप एआई का इस्तेमाल अपने रिज्यूमे को निखारने के लिए कर सकते हैं। AI की मदद से आप फॉर्मेट और एडिटिंग कर सकते हैं।
एआई से तैयार किए गए रिज्यूमे की कोई गांरटी नहीं है। साथ ही इससे जॉब पाने की संभावनाएं भी कम होती है। ऐसे में किसी भी उम्मीदवार को अपना रिज्यूमे बनाते समय मेहनत करनी चाहिए, आखिरकार ये आपकी नौकरी का सवाल है। वहीं खराब फॉर्मेटिंग वाले रिज्यूमे के कारण भी आपको नौकरी मिलने में दिक्कत हो सकती है। नौकरी पर रखने से पहले एचआर टीम या मैनेजर रिज्यूमे में लेआउट, फॉन्ट, स्पैलिंग समेत कई त्रुटियों को चेक करते हैं। साफ और सरल रिज्यूमे सबसे प्रभावी होते हैं क्योंकि इन्हें किसी के लिए भी पढ़ना और समझना आसान होता है।