पुलिस मुख्यालय जनवरी माह में कांस्टेबल भर्ती का परिणाम जारी करने वाला था। 6, 7 व 8 नवंबर को हुई इस भर्ती परीक्षा में करीब 13 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। परीक्षा की फाइनल आंसर-की जारी कर दी गई थी।
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High court decision on rajasthan police constable recruitment 2019
शारीरिक दक्षता परीक्षा, साक्षात्कार व प्रमाण पत्रों के प्राप्त अंकों को जोड़कर एक मेरिट लिस्ट तैयार हो।
मेरिट लिस्ट को पुलिस महानिदेशक और राज्य सरकार के पास भेजा जाए।
सफल उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट के अनुसार उनकी पसंद से जिलों में पदस्थापित किया जाए।
मेरिट और जिलों में पदस्थापन पूरी तरह से पारदर्शिता से हों। नियुक्ति आदेश उच्चाधिकारी, पुलिस अधीक्षक या कमांडेंट के जरिए हो।
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याचिकाकर्ता जहीर अहमद के वकील अजाज नबी ने बताया कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम-1989 के नियम संख्या 25 में प्रावधान है कि सूबे में पुलिस भर्ती में एक ही संयुक्त मेरिट बनेगी। डीजीपी राजस्थान ने इसका स्थायी आदेश भी जारी किया था। राजस्थान पुलिस भर्ती में संयुक्त मेरिट बनाने का प्रावधान था। लेकिन फिलहाल राजस्थान पुलिस मुख्यालय जिलेवार मेरिट बनाते हैं। नियमों से परे इसमें जिलेवार मेरिट का आधार सिर्फ प्रचलित माना गया है। उन्होने बताया कि साल 2013 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती में 49.50 प्रतिशत, सीकर जिले की 74 प्रतिशत और दौसा जिले की 71 प्रतिशत मेरिट के आधार पर चयन हुआ। यह भर्ती संविधान और राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों के खिलाफ थी।