याचिकाकर्ताओं के वकील विज्ञान शाह और आरपी सैनी ने कहा कि बीएड का रिजल्ट 21 अगस्त 2018 को आया जबकि प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा का आयोजन दो सितंबर 2018 को हुआ। प्रधानाध्यापक के लिए राजस्थान शिक्षक सेवा नियम 1970 बने हुए हैं जिसके तहत अभ्यर्थी की शैक्षणिक योग्यता में बीएड या डिप्लोमा इन एजुकेशन के साथ पांच साल शैक्षणिक अनुभव रखा गया है।
याचिकाकर्ता के पास डिप्लोमा और अनुभव सम्बंधित योग्यता थी और परीक्षा से पहले डिग्री भी प्राप्त कर ली। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता है। आरपीएससी ने अपने जवाब में कहा कि आवेदन की तारीख तक याचिकाकर्ताओं के पास बीएड की डिग्री नहीं थी। ऐसे में वे आवेदन करने योग्य नहीं थे। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने याचिकाकर्ताओं को प्रधानाध्यापक भर्ती 2018 की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश