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उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को कहा कि वे अपने कमरों में नहीं बैठें, बल्कि फील्ड में जाकर नियमित रूप से निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि तकनीकी संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार घट रही है। इसके लिए इनमें रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे, जिससे विद्यार्थियों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलें।
ये संकेत भी दिए
(1) विद्यार्थियों को हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में डिग्री देने।
(2) छात्राओं के लिए नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरण।
(3) विद्यार्थियों को मामूली दर पर आइआइटी के लिए कोचिंग सुविधा के लिए भी सिस्टम विकसित करने।
(1) विद्यार्थियों को हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में डिग्री देने।
(2) छात्राओं के लिए नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरण।
(3) विद्यार्थियों को मामूली दर पर आइआइटी के लिए कोचिंग सुविधा के लिए भी सिस्टम विकसित करने।