उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की गलत नीतियों की वजह से प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरा है जिसकी पुष्टि हाल ही में स्वयंसेवी संस्था असर की रिपोर्ट में भी हुई है। इससे पहले विधायक गुलाब चंद कटारिया के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए डोटासरा ने बताया कि राज्य में शिक्षा विभाग में वर्तमान में 82 हजार 611 पद खाली हैं। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा विभाग द्वारा जनवरी 2014 से नवम्बर 2018 तक तृतीय श्रेणी वेतन श्रृंखला पद के लिए विज्ञप्तियां जारी की गई हैं। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती-2016 के तहत लेवल-एक एवं लेवल-दो के लिए 15 हजार 306 पदों पर सीधी भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ की।
उन्होंने इसका विवरण सदन की मेज पर रखा। डोटासरा ने बताया कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती-2018 के तहत लेवल-एक एवं लेवल-दो के लिए 54 हजार पदों पर सीधी भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ की जिसका विवरण भी उन्होंने सदन के पटल पर रखा। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत जनवरी 2014 से नवम्बर 2018 तक अध्यापकों की भर्ती हेतु विज्ञापित पदों का वेतन श्रृंखला अनुसार विवरण भी सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य के 1642, प्रधानाध्यापक के 1158, व्याख्याता के 9 हजार 912, शारीरिक शिक्षक ग्रेड- प्रथम के 224, वरिष्ठ अध्यापक के 13 हजार 990, शारीरिक शिक्षक ग्रेड द्वितीय के 496, शारीरिक शिक्षक ग्रेड तृतीय के 5 हजार 56, तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल-एक के 11 हजार 906 और तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल-दो के 13 हजार 940 पद रिक्त हैं जिनकी कुल संख्या 58 हजार 324 है।