याचिका दायर कर रहे प्रार्थीपक्ष की ओर से कोर्ट को बताया कि लेवल-२ के विशेष शिक्षकों के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद के अनुसार बीएड (विशेष शिक्षा) अथवा समकक्ष योग्यता होनी चाहिए, लेकिन प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय इसकी पालना नहीं कर रहा है। बीएड व पीजीपीडी शैक्षणिक योग्यता होने और मेरिट में नाम होने के बावजूद प्रार्थिया को नियुक्ति से इनकार कर दिया है, जबकि प्रार्थिया से कम अंक वालों व प्रतीक्षा सूची वालों को नियुक्ति दी जा रही है।
छह माह करना पड़ा इंतजार
रीट के परीक्षा परिणाम के लिए अभ्यर्थियों को लगभग छह माह इंतजार करना पड़ा। दरअसल कुछ अभ्यर्थियों ने रीट लेवल दो के प्रश्न-पत्र लीक होने का मामला उठाते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने रीट द्वितीय लेवल का परिणाम जारी करने पर स्थगनादेश जारी कर दिया।