नौ अगस्त को होने वाली परीक्षा के लिए राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश से बहुत से आवेदकों ने परीक्षा सेंटर दूर दिए जाने को लेकर रेल मंत्री को पत्र लिखकर, सोशल मीडिया के जरिए नाराजगी जताई है। आवेदकों का कहना है कि केंद्र उनके मूल शहर से दूर होने के कारण परीक्षा दे पाना संभव नहीं हो पा रहा है। अभ्यर्थियों की समस्या को लोकसभा में सांसद बिहार से रंजीत रंजन ने उठाया। रंजन ने कहा कि सेंटर दूर होने के कारण गरीब बच्चे परीक्षा दे पाने में असमर्थ हैं। उन्होंने रेलवे की तैयारियों को लेकर भी सवाल उठाया।
रेलवे ने कहा, पर्याप्त केंद्र नहीं
इस पर रेलवे ने कहा कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में अभ्यर्थियों के लिए पर्याप्त केंद्र नहीं होने के कारण परीक्षा केंद्र दूर दिया गया है। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक इन तीन राज्यों के जिन अभ्यर्थियों ने शुरूआत में आवेदन किया था उन्हें तो नजदीक केंद्र मिले हैं। लेकिन बाद में आवेदन करने वालों को दूर के केंद्र आवंटित हुए हैं। रेलवे ने 99 प्रतिशत दिव्यांग और महिला अभ्यर्थियों को 200 किलोमीटर के अंदर परीक्षा केंद्र दिए हैं। 17 प्रतिशत ऐसे आवेदक हैं जिनके परीक्षा केंद्र 500 किलोमीटर से दूर हैं।
इस पर रेलवे ने कहा कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में अभ्यर्थियों के लिए पर्याप्त केंद्र नहीं होने के कारण परीक्षा केंद्र दूर दिया गया है। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक इन तीन राज्यों के जिन अभ्यर्थियों ने शुरूआत में आवेदन किया था उन्हें तो नजदीक केंद्र मिले हैं। लेकिन बाद में आवेदन करने वालों को दूर के केंद्र आवंटित हुए हैं। रेलवे ने 99 प्रतिशत दिव्यांग और महिला अभ्यर्थियों को 200 किलोमीटर के अंदर परीक्षा केंद्र दिए हैं। 17 प्रतिशत ऐसे आवेदक हैं जिनके परीक्षा केंद्र 500 किलोमीटर से दूर हैं।
उल्लेखनीय है कि रेलवे में इसके अलावा भी कई अन्य जॉब्स निकली हुई हैं, यदि 26000 पदों पर भर्ती के लिए ही रेलवे इस तरह इंतजाम कर रहा है तो C तथा D ग्रुप के लगभग 62000 पदों पर होने वाली भर्ती के लिए किस तरह व्यवस्था की जा सकेगी। इसी कारण रेलवे भारतीय इतिहास में पहली बार ऑनलाइन एग्जाम आयोजित करवाने जा रहा है जिनके कारण व्यवस्थाओं का तामझाम काफी कम हो जाएगा।