प्रार्थी पक्ष की ओर से अधिवक्ता आर पी सैनी ने कोर्ट को बताया कि पशुधन सहायक भर्ती-2018 के तहत 1833 पदों पर चयन की प्रक्रिया चल रही थी, उसी दौरान 19 फरवरी 19 को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी गई।
इसी के साथ अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की अधिसूचना भी जारी हुई, उसे इस भर्ती में लागू कर दिया और आर्थिक कमजोर वर्ग के 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ इस भर्ती में नहीं दिया। प्रार्थीपक्ष ने इसे भेदभाव बताते हुए पशुधन सहायक भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग को भी शीघ्रातिशीघ्र आरक्षण का लाभ देने का आग्रह किया है।