राज्य केबिनेट ने सर्कुलेशन के जरिए इनके लिए लिपिकवर्गीय स्थापन नियम 1986 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब स्टेनो हिंदी 90 की जगह 80 शब् प्रति मिनट तथा अंग्रेजी स्टेनो के लिए 95 की जगह 85 शब्द प्रति मिनट की गति हो जाएगी। इसी तरह लिपिक वर्ग की नियमित नहींए पर अधिकतम आयुसीमा में 3 वर्ष तक छूट दी जा सकेगी। इसी तरह विभागीय परीक्षा नियम को ख़त्म कर दिया है।
पदोन्नति की राह भी खोली (Promotion Process In Rajasthan Govt)
अब 2 से ज्यादा संतान होने पर कर्मचारी की पदोन्नति अब 5 साल के बजाय 3 साल तक ही रुकेगी। इसके आलावा बच्चा निशक्त होने पर उसे दो से अधिक गिनती में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी तरह पुनर्विवाह के मामले में भी तीसरी संतान होने पर पदोन्नति नहीं रोकी जाएगी। इसको लेकर कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जाता है कि नियमों संशोधनों के लिए भाजपा के शासनकाल में ही तैयारी शुरू हो चुकी थी, लेकिन उसे अब मिला पाया।
अब 2 से ज्यादा संतान होने पर कर्मचारी की पदोन्नति अब 5 साल के बजाय 3 साल तक ही रुकेगी। इसके आलावा बच्चा निशक्त होने पर उसे दो से अधिक गिनती में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी तरह पुनर्विवाह के मामले में भी तीसरी संतान होने पर पदोन्नति नहीं रोकी जाएगी। इसको लेकर कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जाता है कि नियमों संशोधनों के लिए भाजपा के शासनकाल में ही तैयारी शुरू हो चुकी थी, लेकिन उसे अब मिला पाया।