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मणिपुर में भर्ती नियमों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर लग सकता है ESMA

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार जे.एन. चिकित्सा विज्ञान संस्थान (जेएनआईएमएस) के हड़ताली चिकित्सकों पर आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (ESMA) के तहत कार्रवाई कर सकती है।

Dec 15, 2018 / 05:29 pm

जमील खान

Manipur Doctors Strike

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार जे.एन. चिकित्सा विज्ञान संस्थान (जेएनआईएमएस) के हड़ताली चिकित्सकों पर आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (ESMA) के तहत कार्रवाई कर सकती है। मणिपुर स्थित सरकारी चिकित्सा कॉलेज जेएनआईएमएस के वरिष्ठ रेजीडेंट भर्ती नियमों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ वरिष्ठ रेजीडेंटों का कहना है कि दोषपूर्ण नियमों के कारण अन्य जूनियर रेजीडेंटों को नियुक्ति मिल सकती है, जो वरिष्ठ चिकित्सकों के पूर्व छात्र रहे हैं।

हालांकि रेजीडेंट चिकित्सक न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सकरात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। जेएनआईएमएस के निदेशक टी. भीमो ने कहा, वरिष्ठ रेजीडेंटों को जेएनआईएमएस प्रशासन को थोड़ा समय देना चाहिए, ताकि कागजी कार्य पूरे किए जा सकें। इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा, बेहतर होगा अगर मामले को बातचीत के जरिए हल किया जाए। चिकित्सकों की सेवा एस्मा के अंतर्गत आती है।

उन्होंने कहा, अगर नियम चिकित्सकों को आंदोलन के लिए उन्हें लोकतांत्रिक अधिकार देते हैं, तो नियम इस बात की इजाजत भी नहीं देते कि सरकार कुछ नहीं कर सकती। बीरेन सिंह ने कहा, ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें यह बताने में शर्म आती है कि हम मणिपुर से हैं, जिनमें मैं भी शामिल हूं। क्या कभी सुना है कि कुछ लोग जरूरतमंद लोगों के फायदे को बढ़ाने के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचे हों। क्या इसका मतलब यह है कि ये लोग नहीं चाहते कि राज्य सरकार लोगों के फायदे और सेवाओं में विस्तार करे? बीरेन सिंह महीने में दो बार जरूरतमंद लोगों से मुलाकात करते हैं, और उस दौरान जरूरतमंद लोग अपनी शिकायतें उनके सामने रखते हैं।

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