सरकार की तरफ से बराबर का अंशदान
भारतीय सैन्य बलों में अग्निवीर हर माह जितना वेतन पाते हैं, उसका 30 फीसदी हर महीने अग्निवीर कॉर्पस फंड में जमा होता है। सरकार भी उतनी ही राशि अपनी तरफ से जमा करती है। सरकार पीपीएफ अकाउंट में भी कैंडिडेट को इसकी ब्याज दर से राशि देती है। अग्निवीरों को सैन्य बलों के पीपीएफ में राशि नहीं जमा करनी पड़ती। यह भी एक बड़ा कारण है जो बताता है कि अग्निवीरों को सरकार आर्थिक तौर पर कितनी मदद कर रही है। इस तरह केंद्र सरकार अग्निवीरों को अलग-अलग तरह से कई फायदे दे रही है।
भारतीय सैन्य बलों में अग्निवीर हर माह जितना वेतन पाते हैं, उसका 30 फीसदी हर महीने अग्निवीर कॉर्पस फंड में जमा होता है। सरकार भी उतनी ही राशि अपनी तरफ से जमा करती है। सरकार पीपीएफ अकाउंट में भी कैंडिडेट को इसकी ब्याज दर से राशि देती है। अग्निवीरों को सैन्य बलों के पीपीएफ में राशि नहीं जमा करनी पड़ती। यह भी एक बड़ा कारण है जो बताता है कि अग्निवीरों को सरकार आर्थिक तौर पर कितनी मदद कर रही है। इस तरह केंद्र सरकार अग्निवीरों को अलग-अलग तरह से कई फायदे दे रही है।
सैलरी पैकेज
1. अग्निवीरों के मंथली पैकेज में हर साल बढ़ोत्तरी होती है। पहले साल 30 हजार, दूसरे साल 33 हजार, तीसरे साल 36,500 और चौथे साल 40 हजार रुपए प्रति माह दिए जाते हैं। इस मंथली पैकेज में से 30 फीसदी अग्निवीर कॉर्पस फंड में जमा किया जाता है।
1. अग्निवीरों के मंथली पैकेज में हर साल बढ़ोत्तरी होती है। पहले साल 30 हजार, दूसरे साल 33 हजार, तीसरे साल 36,500 और चौथे साल 40 हजार रुपए प्रति माह दिए जाते हैं। इस मंथली पैकेज में से 30 फीसदी अग्निवीर कॉर्पस फंड में जमा किया जाता है।
2. इस तरह फंड के लिए ३० फीसदी अलग होने के बाद अग्निवीर को पहले साल २१,०००, दूसरे साल २३,१००, तीसरे साल २५,५५० और चौथे साल २८,००० रुपए हर माह दिए जाते हैं। 3. अग्निवीरों को चार साल की नौकरी में कुल 11,71,800 रुपए मिलते हैं। सरकार इनका जितना पैसा फंड में जमा करती है, उतना ही हिस्सा सरकार भी अपनी तरफ से उनके लिए उस फंड में जमा करती है। चार साल की नौकरी के बाद अग्निवीरों के फंड में करीब ५.०२ लाख रुपए इकट्ठा हो जाते हैं और सरकार की तरफ से मिलाई गई रकम को मिलाकर यह राशि १०.०४ लाख रुपए हो जाती है।
सेवा निधि पैकेज
4 साल की नौकरी पूरी होने के बाद डिस्चार्ज होने पर उस बैच के अग्निवीर ७५ फीसदी सेवा निधि पैकेज पाने के लिए योग्य होते हैं। उन्हें ब्याज के साथ १०.०४ लाख रुपए दिए जाते हैं। यह उन्हें दूसरे सेक्टर में कॅरियर बनाने में मदद करता है। जिन २५ फीसदी अग्निवीरों की स्थायी नियुक्ति की जाती है उन्हें सेवा निधि से ५.०२ लाख रुपए दिया जाता है। सेवा निधि पर इनकम टैक्स नहीं लगाया जाता। अगर समय से पहले कैंडिडेट नौकरी छोड़ता है तो उसे सेवा निधि पैकेज की वही राशि ब्याज सहित मिलेगी जो उसने जमा की है। सरकार की ओर से जमा किया जाने वाला अंशदान नहीं मिलेगा। अग्निवीर के पास सेवा निधि पैकेज पाने के दो विकल्प रहेंगे। पहला, ४ साल पूरे होने के बाद पूरी राशि खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। दूसरा, खाते में एक लाख रुपए दिए जाएंगे बाकी राशि को बैंक लोन लेने के मामले में गांरटी के तौर पर रखते हैं। एक पूर्व अग्निवीर सेवा निधि पैकेज का प्रयोग करते हुए ३ साल के लिए 18 लाख रु. का ऋण ले सकेगा।
4 साल की नौकरी पूरी होने के बाद डिस्चार्ज होने पर उस बैच के अग्निवीर ७५ फीसदी सेवा निधि पैकेज पाने के लिए योग्य होते हैं। उन्हें ब्याज के साथ १०.०४ लाख रुपए दिए जाते हैं। यह उन्हें दूसरे सेक्टर में कॅरियर बनाने में मदद करता है। जिन २५ फीसदी अग्निवीरों की स्थायी नियुक्ति की जाती है उन्हें सेवा निधि से ५.०२ लाख रुपए दिया जाता है। सेवा निधि पर इनकम टैक्स नहीं लगाया जाता। अगर समय से पहले कैंडिडेट नौकरी छोड़ता है तो उसे सेवा निधि पैकेज की वही राशि ब्याज सहित मिलेगी जो उसने जमा की है। सरकार की ओर से जमा किया जाने वाला अंशदान नहीं मिलेगा। अग्निवीर के पास सेवा निधि पैकेज पाने के दो विकल्प रहेंगे। पहला, ४ साल पूरे होने के बाद पूरी राशि खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। दूसरा, खाते में एक लाख रुपए दिए जाएंगे बाकी राशि को बैंक लोन लेने के मामले में गांरटी के तौर पर रखते हैं। एक पूर्व अग्निवीर सेवा निधि पैकेज का प्रयोग करते हुए ३ साल के लिए 18 लाख रु. का ऋण ले सकेगा।
कितना मिलता है मौत पर मुआवजा?
अगर 4 साल के दौरान अग्निवीर की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को कई तरह के मुआवजे रिए जाते हैं-
1. लाइफ इंश्योरेंस के तौर पर परिजन को 48 लाख रुपए दिए जाते हैं। इस राशि का कोई हिस्सा अग्निवीर की सैलरी से नहीं काटा जाता।
अगर 4 साल के दौरान अग्निवीर की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को कई तरह के मुआवजे रिए जाते हैं-
1. लाइफ इंश्योरेंस के तौर पर परिजन को 48 लाख रुपए दिए जाते हैं। इस राशि का कोई हिस्सा अग्निवीर की सैलरी से नहीं काटा जाता।
2. मौत किस स्थिति में हुई है, इसके आधार पर भी मुआवजा बनता है। कैटेगरी-एक्स: अगर किसी कैंडिडेट की मौत प्राकृतिक तौर पर हुई और उसका सैन्य बल से सम्बंध नहीं है तो परिजनों को सेवा निधि पैकेज का हिस्सा सरकार के अंशदान और ब्याज के साथ मिलता है।
कैटेगरी-वाय: अगर कैंडिडेट की मौत सैन्य बल के लिए काम करते हुए ट्रेनिंग या दूसरे काम के दौरान होती है तो परिजन को 44 लाख रुपए एकमुश्त मिलते हैं। इसके अलावा सेवा निधि की पूरी राशि मिलती है। इसमें सरकार का अंशदान और ब्याज भी शामिल होता है।
कैटेगरी-जेड: जंग के दौरान लड़ते हुए या अटैक से मौत होने पर कैटिगरी वाय के फायदे मिलते हैं। डिसएबिलिटी में…
नौकरी के दौरान किसी तरह की डिसएबिलिटी होने पर स्थिति के आधार पर मुआवजा मिलेगा। डिसएबिलिटी की तीन स्लैब हैं। २० से ४९त्न, ५० से ७५ त्न और ७६ से १००त्न। ऐसे मामलों में डिसएबिलिटी के स्तर १००/७५/५० के आधार पर क्रमश: एकमुश्त ४४/२५/१५ लाख रुपए दिए जाते हैं। ४ साल तक की सेवा निधि पैकेज की राशि दी जाती है। गवर्नमेंट कॉर्पस फंड में से उस तारीख तक ब्याज सहित राशि देते हैं।
नौकरी के दौरान किसी तरह की डिसएबिलिटी होने पर स्थिति के आधार पर मुआवजा मिलेगा। डिसएबिलिटी की तीन स्लैब हैं। २० से ४९त्न, ५० से ७५ त्न और ७६ से १००त्न। ऐसे मामलों में डिसएबिलिटी के स्तर १००/७५/५० के आधार पर क्रमश: एकमुश्त ४४/२५/१५ लाख रुपए दिए जाते हैं। ४ साल तक की सेवा निधि पैकेज की राशि दी जाती है। गवर्नमेंट कॉर्पस फंड में से उस तारीख तक ब्याज सहित राशि देते हैं।