प्लेसमेंट कंसल्टेंट
अगर आपको लगता है कि अपना रेज्यूमे कई प्लेसमेंट एजेंसी के साथ शेयर करने से आपको मदद मिल सकती है तो आप गलत हैं। आपको यह समझना होगा कि कंसल्टेंट एम्प्लॉयर्स के लिए काम करते हैं और वैकेंसी उपलब्ध होने पर ही काम करते हैं। वे आपके लिए जॉब नहीं खोजेंगे। आपका रेज्यूमे उनके डाटाबेस में अन्य रेज्यूमे की तरह जमा हो जाएगा। आपको जॉब के लिए सिर्फ अपने प्रयासों पर ही निर्भर रहना चाहिए।
सैकड़ों आवेदन
अगर आप सैकड़ों जॉब्स के लिए हर जगह आवेदन कर रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आपके पास काफी समय है और आप उसे खराब कर रहे हैं। इससे आप उन जॉब्स के लिए आवेदन करने लगते हैं जो आपके सपनों से मैच नहीं खाते हैं। आपको महत्वपूर्ण जॉब्स के लिए फोकस करना चाहिए। यही सफलता का मंत्र है।
किस्मत पर भरोसा
कुछ लोग सोचते हैं कि वे बहुत लकी हैं और जब उन्हें जॉब की जरूरत होती है, तब उन्हें मिल जाती है। यह सोच जॉब खोजने के प्रयासों को बेकार बना देती है। यदि आप अपने कॅरियर से जुड़ा होमवर्क करते हैं और एक्टिव होकर कंपनियों को खोजते हैं तो जॉब मिलने में आसानी होती है।
घर बैठना
अगर कोई किसान बीज बोता है और घर जाकर बैठ जाता है तो उसे फसल नहीं मिलती है। इसी तरह अपना रेज्यूमे लोगों के साथ शेयर करना ही पर्याप्त नहीं है। घर से निकलें और लोगों से मिलें। सबके साथ घनिष्ठ संबंध बनाएं ताकि आपको जॉब मिल सके।
आपकी इच्छा
जॉब पाने में आपकी इच्छा मायने नहीं रखती है। कई फ्रेशर्स अपेक्षा करने लगते हैं कि बाजार उनके सपनों का सम्मान करेगा। मार्केट में आपकी स्किल्स की जरूरत पर गौर किया जाता है। देखा जाता है कि स्किल्स कितनी दुर्लभ हैं।