उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सरकार को छात्रों की शिक्षा के खर्च का बड़ा अंश चुकाना चाहिए और शिक्षा के लिए आज जितना आवंटित किया जा रहा है उससे ज्यादा किया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान जब हम सत्ता में थे तो हमने 20 विश्वविद्यालय खोले। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, आपको मालूम है कि पिछले पांच साल में कितने विश्वविद्यालय खोले गए?
चीन से आगे निकल सकता है भारत
राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा, जब मैं कहता हूं कि सरकार को शिक्षा में सहयोग करना चाहिए तो इसका मतलब यह है कि बैंक ऋण आसान किया जाना चाहिए, छात्रवृत्ति देने चाहिए, और विश्वविद्यालय खोलना चाहिए और नामांकन बढ़ाना चाहिए। अगर आप इनके आंकड़े देखें तो भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के शासन में इसमें गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि चीन आर्थिक प्रगति कर रहा है और भारत में अनेक उत्पादों पर मेड इन चाइना का लेबल देखने को मिलता है। हालांकि उन्होंने यकीनन तौर पर कहा कि भारत चीन से आगे जा सकता है।
वित्त मंत्रालय के हैं आंकड़े
उन्होंने नौकरियों के आंकड़े दोहराते हुए उसको लेकर मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा, 1.2 अरब की आबादी वाले देश भारत में हर 24 घंटे में 450 नौकरियां पैदा होती हैं जबकि चीन में इसी अवधि में 50,000 नौकरियां पैदा होती हैं। उन्होंने कहा, ये आंकड़े मेरे नहीं हैं, बल्कि वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में प्रदान किए हैं। उन्होंने आगे कहा, लगता नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसा सोचते हैं कि यह एक समस्या है।
कांग्रेस की सरकार आई तो अर्धसैनिक बल के जवानों को मिलेगा शहीद का दर्जा
कांग्रेस अध्यक्ष ने वादा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सत्ता में आने पर अगली सरकार कार्य के दौरान जान गंवाने वाले अर्धसैनिक बल के जवानों को कानून द्वारा शहीद का दर्जा प्रदान करेगी। पीएचडी की छात्र श्रुति गौतम के सवाल का जवाब देते हुए गांधी ने कहा, अर्धसैनिक बल के जवान अपनी जान देते हैं, लेकिन उनको शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है। अगर हम सरकार बनाएंगे तो हम ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले अर्धसैनिक बल के जवानों को शहीद का दर्जा दिलाएंगे। पुलवामा में 14 जनवरी को आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों की जानें जाने के बाद उन्होंने इस मसले को उठाया। हमले के एक सप्ताह बाद राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा- बहादुर (जवान) शहीद हैं। उनके परिवार संघर्ष कर रहे हैं। 40 जवानों ने अपनी जानें गंवाईं, लेकिन उनको शहीद का दर्जा नहीं मिला।