इस इलाके को पाकिस्तानी सेना की फायरिंग व गोलीबारी का सामना करना पड़ता है, जिससे लोगों को अक्सर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए बाध्य होना पड़ता है। अमित शाह ने लोकसभा में कहा, सीमा पर लगातार तनाव के कारण, अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे व्यक्तियों को सामाजिक-आर्थिक व शैक्षिक पिछड़ेपन को झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के निवासियों को बार-बार तनाव के कारण सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ता है और इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है क्योंकि सीमा के पास के शिक्षण संस्थान लंबे समय तक बंद रहते हैं।
उन्होंने कहा, इस वजह से यह जरूरी था कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में रह रहे लोगों को वास्तविक सीमा नियंत्रण रेखा (LOC) पर रह रहे लोगों की तर्ज पर आरक्षण का विस्तार किया जाए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में जम्मू एवं कश्मीर सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 (J&K reservation (amendment) bill 2019) को जारी करने को कहा गया था।