राज्य पुलिस ने आतंकियों को पकड़वाने वाले को इनाम और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। पुलिस काफी समय से सिर्फ मुहम्मद आमीन उर्फ जहांगीर सरूरी और उसके साथी रियाज के सक्रिय आतंकी होने की बात कुबूलती रही है। हमेशा यही कहा जाता रहा कि जहांगीर सरूरी का कोई पता ठिकाना नहीं है। कई महीनों से कहा जा रहा था कि इलाके में और भी आंतकी सक्रिय हो गए हैं।
पुलिस ने उनके नाम दर्ज नहीं किए थे, लेकिन किश्तवाड़ में पांच माह पहले हुई परिहार बंधुओं की हत्या और कुछ दिन पहले डीसी किश्तवाड़ के अंगरक्षक की एके-47 राइफल छीने जाने के बाद पुलिस ने उन सभी आतंकियों की सूची जारी की है। इसमें पुलिस ने सात आतंकियों के नाम फोटो सहित छपवाए हैं। इनके बड़े-बड़े पोस्टर जगह-जगह लगाए गए हैं, जिसमें इन आतंकियों को जिंदा या मुर्दा दबोचने में पुलिस की मदद करने वाले को उचित इनाम देने और सूचना देने वाले को सरकारी नौकरी देने के साथ उसका नाम गुप्त रखने की बात कही गई है। हालांकि अभी तक यह रकम तय नहीं की गई।