ओपन कम्यूनिकेशन
किसी भी टीम के लिए संस्थान की वैल्यू और एथिक्स के बारे में संवाद करना जरूरी है। जब वर्क एथिक्स की वैल्यू की बात हो तो क्लीयरिटी होना जरूरी है। टीम लीडर्स को अपनी टीम के सदस्यों के साथ नियमित रूप से वैल्यूज पर संवाद करना चाहिए। कंपनी के विश्वास और विचारों के बारे में टीम के सदस्यों को बताना बहुत आवश्यक होता है। इससे कस्टमर को भी कंपनी की सोच के अनुरूप ही एक अच्छा एक्सपीरियंस मिल पाता है और सबका फायदा होता है।
ट्रेनिंग प्रोग्राम
कंपनी को वर्क एथिक्स के बारे में एम्प्लॉइज को प्रशिक्षित करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए कंपनी को ऐसी एक्टिविटीज डिजाइन करनी चाहिए कि कंपनी के वर्क एथिक्स को मजबूती मिले। इस तरह की एक्टिविटीज अलग-अलग रोल्स और डिपार्टमेंट्स को ध्यान में रखकर डिजाइन करनी चाहिए, क्योंकि सिंगल प्रोग्राम सबकी जरूरत को पूरा नहीं कर सकता। ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के रिजल्ट्स पर फोकस करना भी जरूरी है।
प्रशंसा और पुरस्कार
आप अपने वर्कप्लेस पर एक रिवार्ड सिस्टम तैयार करें, जो पॉजिटिव वर्क एथिक्स को प्रोत्साहित करे। प्रशंसा, पुरस्कार और पहचान देने से एम्प्लॉइज हमेशा वर्क एथिक्स के प्रति मोटिवेटेड रहते हैं। इसके लिए एचआर हेड्स चाहें तो सालाना अप्रेजल में ग्राहकों की शिकायत के निवारण और टीम वर्क को शामिल कर सकते हैं। इससे कंपनी में एक पॉजिटिव मैसेज जाता है।
रोल मॉडल बनें
अगर वर्कफोर्स एक लीडर को रोल मॉडल की तरह मानने लगे तो फिर कंपनी के नियमों और सिद्धांतों को एम्प्लॉइज के लिए अपनाना आसान हो जाता है। टॉप मैनेजमेंट को इस तरह से खुद को पेश करना चाहिए कि कंपनी का हर व्यक्ति उन्हें फॉलो करने का प्रयास करे। टीम लीडर को कोच या ट्रेनर के रोल में रहना चाहिए। लीडर को हर लेवल पर काम के तरीकों को स्पष्ट करके और लक्ष्यों का सही निर्धारण करके एम्प्लॉइज को सशक्त बनाना चाहिए। टीम मेंबर्स की परफॉर्मेंस के आकलन का भी स्पष्ट तरीका होना चाहिए।