सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी के अनुसार अप्रैल 2019 में भारत में बेरोजगारी की दर 7.6 प्रतिशत तक बढ़ चुकी थी। ऐसे में इंटरनेट तक आसान पहुंच के चलते कई धोखेबाज लोग बेरोजगार युवाओं को ऐसे जॉब ऑफर कर रहे हैं जिनका अस्तित्व ही नहीं है। इस धोखाधड़ी में सबसे ज्यादा कॉलेज से हाल ही में पास आउट हुए स्टूडेंट्स और छोटे शहरों से इंजीनियरिंग कॉलेज करने वाले युवा फंस रहे हैं। अब कई बड़ी कंपनियों, नामी जॉब पोर्टल्स और एम्बेसीज ने अपनी वेबसाइट्स पर आवेदकों को जॉब के नाम पर धोखा देने वालों से बचने के लिए महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी कर रखी है।
धोखा करने का तरीका
ज्यादातर धोखेबाजों के लिए अपना शिकार खोजने के लिए ऑनलाइन जॉब पोर्टल सबसे आसान तरीका होता है। जानते हैं कि वे किस तरह अपने काम को अंजाम देते हैं-
1. सबसे पहले धोखेबाज जॉब रिक्रूटमेंट साइट पर जाते हैं और आवेदकों के प्रोफाइल प्राप्त करते हैं।
2. वे संभावित उम्मीदवारों को खोजकर उन्हें ईमेल करते हैं।
3. वे खुद को जॉब कंसलटेंट के तौर पर दर्शाते हैं। वे नकली वेबसाइट बनाते हैं और अस्थाई ऑफिस स्थापित करते हैं।
4. आवेदकों को बैंक ट्रांसफर या वॉलेट से रजिस्ट्रेशन फीस डिपॉजिट जमा करने के लिए कहा जाता है।
5. ऑनलाइन या टेलीफोनिक इंटरव्यू आयोजित किए जाते हैं।
6. इसके बाद नकली अपॉइंटमेंट लैटर दिए जाते हैं।
बचने का तरीका
आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
ज्यादातर कंपनियां अपनी जॉब्स के बारे में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर विज्ञापन करती हैं। इसलिए आपको कहीं से मिलने वाले ईमेल पर निर्भर रहने की बजाय कंपनी के कॅरियर पेज पर जाना चाहिए और वहां आवेदन करना चाहिए। यदि ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स पर आवेदन कर रहे हैं तो यह सुनिश्चित कर लें कि आपका रिज्यूमे ओरिजिनल वेबसाइट पर जा रहा है। विदेशी नौकरियों के बारे में आपको सरकारी पोर्टल या उस देश के स्थानीय जॉब कंसलटेंट की मदद लेनी चाहिए। भारत में किसी एजेंट की चक्कर में नहीं फंसना चाहिए।
बहुत अच्छा ऑफर हो
यदि 70 से 80 प्रतिशत का इन्क्रिमेंट दिया जा रहा है या आपकी रैंक या अनुभव से ज्यादा सैलरी दी जा रही है या मार्केट ट्रेंड से हटकर सुविधाएं दी जा रही हैं तो यह ऑफर नकली हो सकता है। अगर किसी फॉर्मल इंटरव्यू के बिना ऑफर लेटर दिया जा रहा है तो भी सावधान हो जाएं। कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस में जाकर एम्प्लॉयर से मिलना चाहिए। यदि किसी रिहायशी इलाके में या बिना कंपनी के साइनेज वाले स्थान पर बुलाया जाता है तो सावधान हो जाएं।
स्पष्ट पद के लिए आवेदन करें
सीवी और कवर लैटर तैयार करते समय जॉब या पद का स्पष्ट उल्लेख करें। जॉब के लिए प्राप्त होने वाला मेल उस खास पद के लिए ही होना चाहिए। अगर दिए जाने वाला पद जेनेरिक है तो जॉब नकली है।
लैंडलाइन पर फोन करें
यदि जॉब ऑफर प्राप्त हुआ है तो पहले उस कंपनी के रजिस्टर्ड लैंडलाइन फोन पर कॉल करें और पता करें कि जॉब ऑफर करने वाला व्यक्ति कंपनी में मौजूद है या नहीं। साथ ही वह पद कंपनी में है या नहीं।
कभी भुगतान न करें
जॉब पोर्टल, एम्प्लॉयर या कंपनी हायरिंग प्रोसेस कि किसी भी स्टेज पर उम्मीदवार से भुगतान के लिए नहीं कहती है। रजिस्ट्रेशन, डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन या सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर कोई फीस न चुकाएं।
खतरे के संकेत
ज्यादा सैलेरी : यदि आपको अपने अनुभव या क्वालीफिकेशन से बहुत ज्यादा सैलरी दी जा रही है या मार्केट ट्रेंड से अधिक वेतन का ऑफर किया जा रहा है तो सावधान हो जाएं।
साधारण गलतियां : स्पेलिंग की गलतियां, व्याकरण की अशुद्धियां और अंग्रेजी भाषा का गलत इस्तेमाल यह दर्शाता है कि ईमेल या पत्र सही नहीं है।
भुगतान की मांग : कंपनी या जॉब पोर्टल नौकरी देने के लिए पैसे नहीं लेता है। अगर ईमेल पर पैसों की मांग की जाती है तो सावधान हो जाएं।
स्किल्स का मिसमैच : कंपनी जो पोस्ट दे रही है, उसके लिए जरूरी स्किल्स और क्वालीफिकेशंस आपकी योग्यता और शिक्षा से मैच नहीं खाती हैं तो यह संकेत है कि कुछ गड़बड़ है।
इंटरव्यू : यदि आपको मिलने वाले ईमेल या पत्र में बिना पर्सनल या वन-टू-वन इंटरव्यू के आपको जॉब ऑफर की जा रही है तो यह नकली हो सकता है।
नाम और हस्ताक्षर : ऑफर लैटर में नाम और हस्ताक्षर में गड़बड़ी हो सकती है। ऑफर देने वाले के नाम और पद के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
ये होते हैं टॉरगेट
जानते हैं जॉब के लिए धोखेबाज आमतौर पर कैसे लोगों को अपना शिकार बनाते हैं-
हायरिंग स्कैम
विजडम जॉब्स
जनवरी 2019 में विजडम जॉब्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय कोल्ला गिरफ्तार हुए। उन्होंने लगभग एक लाख से ज्यादा आवेदकों के साथ धोखाधड़ी की।
अमाउंट: 70 करोड़ रुपए
गाजियाबाद स्कैम
जून 2018 में गाजियाबाद से 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वे पिछले 2 सालों से सैकड़ों बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर धोखा दे रहे थे।
अमाउंट: 3.5 करोड़ रुपए
हैदराबाद स्कैम
जून 18 में हैदराबाद से 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने 3 महीने में 60 बेरोजगार युवाओं से प्रत्येक से 2 लाख रुपए हड़प लिए।
अमाउंट: 1.2 करोड़ रुपए