बता दें कि सीएमओ से यह कहते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय की फाइल को वापस लौटा दिया था कि भर्ती को हरियाणा लोकसेवा आयोग के माध्यम से करवाया जाए। साथ ही, डॉक्टरों की भर्ती में लिखित परीक्षा करवाने का भी सुझाव दिया गया था।
लिहाजा अब अब डॉक्टरों के 450० पदों को नियमित भर्ती के जरिये भरा जाएगा। वहीं 300 के करीब डॉक्टरों को अनुबंध आधार पर रखा जाएगा। 750 से अधिक डॉक्टरों के पद प्रदेश में रिक्त हैं। जिन पदों पर नियमित भर्ती होगी उनमें सामान्य वर्ग के लिए 87, अनुसूचित जाति के लिए 290, बीसीए के लिए 17, बीसीबी के लिए 8, ईएसएम के 28 तथा ईडब्ल्यूएस के 17 पद हैं।
इसी तरह से पीएच के 53 और ईएसपी के 5 पदों के लिए होरिजेंटल व वर्टिकल आरक्षण की व्यवस्था की गई है। अहम पहलू यह भी है कि वित्तीय मंजूरी के बाद 2 जनवरी को विज्ञापन जारी हुआ था और आवेदन जमा करवाने की आखिरी तारीख 22 जनवरी थी। बड़ी संख्या में आवेदन भी आए लेकिन ऐन-मौके पर सीएमओ की ओर से पत्र जारी करके इस भर्ती पर रोक ला लगा दी गई। प्रदेश में डॉक्टरों के कुल स्वीकृत पद 3240 हैं। इनमें से 2451 पद भरे हुए हैं, लेकिन अस्पतालों में लगभग 2250 डॉक्टर ही सेवा दे रहे हैं। सवा सौ से अधिक डॉक्टरा बिना सूचना के गैर-हाजिर चल रहे हैं। 60 से अधिक डॉक्टर ऐसे हैं, जो पीजी की पढ़ाई के लिए छुट्टी पर हैं।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि प्रदेश में शीघ्र 450 नियमित डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। इसके लिए प्रतियोगी परीक्षा ली जाएगी ताकि मेरिट आधार पर इन पदों की भर्ती की जा सके। चिकित्सकों की परीक्षा की पूरी जानकारी उम्मीदवारों को विभिन्न माध्यमों से प्राप्त करवाई जाएगी।