ये भी पढ़ेः आज ही आजमाएं ये उपाय तो पक्का डबल हो जाएगी इनकम ये भी पढ़ेः हर महीने कमाएंगे लाखों, बनाएं एथिकल हैकिंग में कॅरियर मोदी सरकार की इस पहल के तहत देश भर के टॉप 84 इंस्टीट्यूट्स (जिनमें WII, Dehradun, Bombay Natural History Society, Bontinacal Survey of Pune जैसे इंस्टीट्यूट भी शामिल हैं) में विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाएं जाएंगे। कोर्सेज के तहत पर्यावरण संरक्षण, बांस के प्रचार, प्रबंधन और प्रबंधन के लिए स्कूबा डाइविंग, नदी डॉल्फ़िन संरक्षण, वन एंटोमोलॉजी, कीट नियंत्रण, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पर्यावरण कानूनों और वानिकी, पैरालीगल प्रथाओं, और संचालन और प्रबंधन आदि विषय शामिल किए गए हैं।
इन कोर्सेज में आवेदन करने के लिए न्यूनतम योग्यता विज्ञान से स्नातक डिग्री रखी गई है जो अन्य कोर्सेज के हिसाब से अधिक भी हो सकती है। कोर्सेज ज्वॉइन करने वाले युवाओं की पूरी ट्यूशन फीस तथा अन्य खर्चे सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे। विशेष आवश्यकता होने पर सरकार बोर्डिंग का खर्चा भी वहन करेगी। इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद भारत सरकार जॉब उपलब्ध करवाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य 80,000 युवाओं को हरीत कौशल प्रदान कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाना है। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत अगले वर्ष तक 2.25 लाख लोगों को लाना है जो कि 2021 तक 5 लाख तक हो जाएगा।