टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट के आधार पर प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रोजगार सृजन करने वाले दोनों प्रमुख सेक्टर 2019-23 के दौरान इस मामले में काफी सुस्त रहेंगे। इनमें स्थाई और अस्थाई दोनों प्रकार की भर्तियों में कमी आएगी। मार्केटिंग, विज्ञापन, कृषि व कृषि रसायन, मीडिया व मनोरंजन, हेल्थकेयर व फार्मा सेक्टरों में हाल के वर्षों में नई नौकरियां कम निकल रही हैं। आने वाले वर्षों में इ-कॉमर्स और आईटी सेक्टर में ज्यादा सुस्ती देखने को मिलेगी।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), ऑटोमेशन से नौकरियों में आएगी कमी
रिपोर्ट के अनुसार अगर एंप्लॉयर और नीति निर्माता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) या रोबोट आधारित ऑटोमेशन के असर को कम करने के लिए उचित कदम नहीं उठाते हैं तो इन सेक्टरों में रोजगार के सृजन में ज्यादा कमी देखने को मिल सकती है।
भर्ती, छंटनी के नियम हों आसानः पनगढ़िया
कंपनियों के लिए देश में व्यापार करना आसान बनाने के लिए केन्द्र सरकार को कर्मचारियों की नियुक्ति और निष्कासन संबंधी नियमों को आसान बनाने की जरूरत है। नियोक्ताओं का प्राथमिक उद्देश्य अपने कर्मचारियों का निष्कासन करना नहीं होता। इसलिए भर्ती और छंटनी से जुड़े श्रम कानूनों में सुधार किए जाने की आवश्यकता है।
– अरविंद पनगढ़िया, नीति आयोग के पूर्व अध्यक्ष