याचिका में कहा गया है कि वे पूर्व में ली गई परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं, नियुक्ति पत्र देने की बजाय विज्ञापन जारी कर नई प्रविष्टियां मंगाई जा रही हैं, ये सरासर गलत हैं, उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाए। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस भादुड़ी की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने शासन को नोटिस जारी करते हुए 18 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक विज्ञापन पर रोक लगा दी है। दरअसल भाजपा शासन द्वारा आरक्षकों की भर्ती किए जाने के आदेश पर वर्तमान सरकार ने कुछ दिन पूर्व ही रोक लगाते हुए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया है।
रिजल्ट पेंडिंग किया जाना अनुचित
मामले की पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि परीक्षा की तमाम अर्हताओं को पूरा कर चुके हैं। इसके बाद भी रिजल्ट पेंडिंग किया जाना अनुचित है। इस संबंध में शासन से कई बार रिजल्ट जारी करने के अनुरोध के बाद भी परिणाम जारी नहीं किए गए। नए सिरे से भर्ती की जा रही है। इस पर रोक लगाई जाए व पूर्व में उत्तीर्ण आवेदकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएं।