मिथिला विवि और ‘स्कूल गुरु’ का करार अवैध, रद्द करने की अनुशंसा
बिहार में दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डिस्टेंस एजूकेशन) को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के संसाधन से संपन्न (आईसीटी इनेबल्ड) करने के लिए मुंबई की एक निजी कंपनी’स्कूल गुरु’ के साथ किए गए करार को अभिषद (सिडिकेट) की जांच समिति ने अवैध, गैर कानूनी एवं विश्वविद्यालय के नियम के विरुद्ध बताते हुए इसे रद्द करने एवं इसके लिए जवाबदेह अधिकारियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। अभिषद सदस्य सह विधानसभा में प्राक्कलन समिति के सभापति संजय सरावगी ने बताया कि आईसीटी सुविधायुक्त बनाने में विश्वविद्यालय एवं एक निजी संस्था स्कूल गुरु के साथ हुआ करार नियम एवं परिनियम विरुद्ध है और यह पूरी तरह गैरकानूनी भी है।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में स्कूल गुरु के खाते में जमा की गई राशि को तुरंत दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को हस्तांतरित कराने का भी सुझाव दिया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कूल गुरु को निदेशालय में वर्तमान में नामांकित स्टुडेंट्स की स्थिति के आधार पर इस वर्ष 13 करोड़ 32 लाख 93 हजार 10 रुपए और इस आधार पर पांच वर्षों में 66 करोड़ 64 लाख साठ हजार पचास रुपए की आय होगी। सरावगी ने आगे बताया कि जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बहुत छोटी सी राशि खर्च कर आईसीटी की आधारभूत संरचनाओं को विकसित कर दूरस्थ शिक्षा निदेशालय को इसका लाभ दिया जा सकता है।