वर्तमान बैंकिंग परिद्श्य
देश की विशाल आबादी की ही तरह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र भी व्यापक है। इसका नेटवर्क देश के लगभग साढ़े पांच लाख गांवों को अपनी परिधि में किसी न किसी रूप में अवश्य लिए हुए है। इस विस्तृत बैंकिंग ढांचे के अंतर्गत 27 पब्लिक सेक्टर बैंक, 22 प्राइवेट बैंक, 44 विदेशी बैंक, 56 रीजनल रूरल बैंक, 1589 शहरी को-ऑपरेटिव बैंक, 93550 ग्रामीण को-ऑपरेटिव बैंक शामिल हैं।
बैंकिंग क्षेत्र के लिए व्यक्तिगत गुण
ऑफिस जॉब और जीवन में स्थिरता चाहने वाले युवाओं के लिए बैंकिंग सेक्टर एक बेहतर और उपयुक्त करिअर ऑप्शन माना जा सकता है। इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए •ारूरी है कि युवा में मैथ्स के साथ एकाउंटिंग में रुचि हो। पब्लिक डीलिंग का प्रावधान होने की वजह से धैर्यवान और गुस्से से कोसों दूर रहने जैसे गुण भी काफी उपयोगी कहे जा सकते हैं।
बैंकिंग चयन परीक्षाएं
इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आईबीपीएस) द्वारा देश भर के बैंकों की रिक्तियों को भरने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इन परीक्षाओं के लिए आवेदन से लेकर परीक्षा के पैटर्न आदि के बारे में आईबीपीएस की वेबसाईट से अधिकृत जानकारी हासिल की जा सकती है। इस संस्थान द्वारा आयोजित बैंकिंग परीक्षाओं में 2016-17 के दौरान लगभग 1.51 करोड़ प्रत्याशियों ने अखिल भारतीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन कराया था। इस तथ्य से इसकी क्षमता का सहज ही अंदाजा हो जाता है। स्टेट बैंक ऑ$फ इण्डिया और इससे सम्बद्ध बैंकों की रिक्तियों को भरने के लिए एसबीआई द्वारा स्वयं चयन प्रक्रिया का संचालन किया जाता है।
बैंकिंग परीक्षाओं के पैटर्न
क्लर्र्क और प्रोबेशनरी ऑफिसर के पदों की रिक्तियों को भरने के लिए बुनियादी तौर पर दो तरह के बैंकिंग एग्जाम्स का आयोजन किया जाता है। क्लेरिकल पदों के एग्जाम में इंग्लिश लैंग्वेज, न्यूमेरिकल एबिलिटी, रीजनिंग, कम्यूटर एप्टीच्यूड, बैंकिंग/फाइनेंस इत्यादि पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रोबेशनरी ऑफिसर की रिक्तियों को भरने के लिए आयोजित परीक्षा में तीन स्तर पर चयन प्रक्रिया का आयोजन किया जाता है। इनमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू शामिल हैं। दोनों ही पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता ग्रेजुएशन ही है।
जॉब्स के प्रकार
प्रोबेशनरी ऑफिसर (पीओ) पर बैंक शाखा के प्रबंधन से लेकर अन्य प्रकार के समन्वयन सम्बंधित कार्यों का जिम्मा होता है और क्लर्क कैडर के कर्मियों द्वारा पब्लिक डीलिंग का काम मुस्तैदी से सम्हाला जाता है। मात्र तीन-चार वर्षों के बाद ही ये कर्मी भी पी ओ वर्ग की श्रेणी में प्रोन्नति पाकर पहुँच जाते हैं। इसके अतिरिक्त बैंकिंग इंडस्ट्री में विभागीय परीक्षाओं का समय-समय पर आयोजन किया जाता है। इन परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर समय से पूर्व प्रमोशन भी लिया जा सकता है।
बैंकिंग स्पेशियलिस्ट ऑफिसर
बैंकिंग सेक्टर में बहुसंख्यक कर्मी पीओ और क्लेरिकल वर्ग के ही होते हैं, लेकिन इनके अलावा खास विधाओं में ट्रेंड कर्मियों की भी सभी बैंकों द्वारा नियुक्तियां की जाती हैं। इनमें इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी ऑफिसर(आईटी डिग्रीधारक), एग्रीकल्चरल फील्ड ऑफिसर(एग्रीकल्चर साइंस में ग्रेजुएट), ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (ह्यूमन रिसोर्स में एमबीए/पर्सोनल मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा), लॉ ऑफिसर(एल एलबी डिग्रीधारक), मार्केटिंग ऑफिसर (मार्केटिंग की विधा में ट्रेंड), राजभाषा अधिकारी(हिन्दी में एमए) आदि का खास तौर पर उल्लेख किया जा सकता है। इनके पदनामों से ही इनके कार्यकलापों के महत्त्व को समझा जा सकता है।
सैलरी
बैंकिंग इंडस्ट्री की सैलरी और इनके भत्तों को एक समय में काफी आकर्षक माना जाता था लेकिन वेतनमानों में मुद्रास्फीति की बढ़ती दरों के अनुसार संशोधन नहीं होने के कारण अब इनका आकर्षण कुछ कम हुआ है। बैंक कर्मी लगातार इस दिशा में संघर्षरत हैं और उम्मीद की जाती है कि निकट भविष्य में बैंकिंग इंडस्ट्री के वेतनमानों को बेहतर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाये जा सकते हैं। इसके बावजूद करिअर निर्माण और स्थाई जॉब की दृष्टि से यह क्षेत्र अभी भी युवाओं की प्राथमिकताओं में काफी ऊपर है।