उन्होंने कहा कि सरकार और कर्मचारी प्रदेश के विकास की गति को बढ़ाने और जनता की सेवा करने के लिए कटिबद्ध हैं और राजनीति से ऊपर उठकर कर्मचारी संगठनों को भी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए और इसी को देखते हुए उन्होंने स्वयं हरियाणा एक-हरियाणवी एक का नारा दिया था और यह बैठक भी इसी के मद्देनजर सामूहिक रूप से बुलाई गई है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान सरकार ने किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला है, बल्कि उसके लिए नियमित रोजगार के अवसर प्रदान करने के विकल्प दिए हैं, जैसे कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग (State employee selection commission) में यदि ऐसे कर्मचारी अपना आवेदन करते हैं तो उन्हें पांच अंक अतिरिक्त दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें देश में सबसे पहले लागू करने के बाद कच्चे कर्मचारियों के लिए समान काम समान वेतन का लाभ देने वाला भी हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने कर्मचारी हित में लिए गए एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि आउट सोर्सिंग पार्ट-एक के तहत लगी महिला कर्मचारी को नियमित कर्मचारी की तर्ज पर छह महीने की प्रसूति अवकाश का लाभ दिया जाएगा और उस अवकाश के दौरान की अवधि का वेतन सरकार स्वयं वहन करेगी। इसी प्रकार, कैशलेश चिकित्सा सुविधा का लाभ जो पहले सात बीमारियों तक दिया जाता था अब यह सभी इनडोर बीमारियों के लिए लागू होगा।
उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान जोखिम प्रवृति वाले कार्य करने वाले लाइनमैन, अग्निशमन वाहनों के चालक और फायरमैन, सीवरमैन, बॉयलर अटेंडेंट तथा सफाई कर्मचारी के लिए 10 लाख रुपए का जोखिम बीमा लागू किया जाएगा और इसका प्रीमियम सरकार अपनी ओर से वहन करेगी। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के बारे जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि डीसी रेट, दैनिक वेतन भोगी, एडहॉक पर लगे कच्चे कर्मचारियों को नियमित रूप से समय पर वेतन मिलता रहे, इसके लिए सभी उपायुक्तों के पास एक करोड़ रुपए का अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराया गया है। इसी प्रकार, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कर्मचारियों को केन्द्रीय सहकारी बैंक में पदोन्नति का लाभ दिया जाएगा। प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि इन्हें घाटे से उबारा जा सके।
पंजाब से अधिक वेतन मिल रहा है प्रदेश के कर्मचारियों को
उन्होंने बताया कि सरकारी विभागों के साथ बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों को भी 7वें वेतन आयोग का लाभ देने वाला भी हरियाणा देश का पहला राज्य है। अब तक 45 बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों को लाभ दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान लागू करने की अपनी रट्ट छोडऩी होगी क्योंकि तीन या चार श्रेणियों को छोडक़र हरियाणा के कर्मचारियों को पंजाब से अधिक वेतनमान दिया जा रहा है और इस बात की चर्चा चारों कर्मचारी संगठनों के साथ हुई है और वे इससे काफी हद सहमत भी हुए। अनुग्रह राशि योजना के तहत मृतक कर्मचारी की आयु सीमा 48 वर्ष से बढ़ाकर 52 वर्ष की गई है तथा उसकी सेवा अवधि कम से कम पांच वर्ष होनी चाहिए। मृतक कर्मचारी के आश्रित के पास विकल्प रहेगा कि वह कर्मचारी की मृत्यु के बाद की शेष सेवा अवधि का वेतन लेना चाहता है या सरकारी सेवा में आना चाहता है। यदि वह सेवा में आना चाहता है तो उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी।
पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने वाला देश का पहला प्रदेश
उन्होंने कहा कि यह योजना आज से ही लागू हो जाएगी। खट्टर ने कहा कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के टयूबवैल ऑपरेटर के वेतनमान विसंगतियों को दूर करने के लिए वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का भी निर्णय लिया गया है। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने वाला भी हरियाणा देश का पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कर्मचारियों के लिए बाल शिक्षा भत्ता 750 रुपए मासिक से बढ़ाकर 1125 रुपए मासिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए धुलाई भत्ता 240 रुपए से बढ़ाकर 440 रुपए, साईकिल भत्ता 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए तथा सफाई कर्मचारियों का विशेष भत्ता 325 रुपए से बढ़ाकर 625 रुपए किया गया है। इसी प्रकार, ग्रामीण चौकीदारों का मानदेय 3500 रुपए से बढ़ाकर 7000 रुपए, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का मानदेय 8100 रुपए से बढ़ाकर 11,000 रुपए तथा शहरी सफाई कर्मचारियों का 10500 रुपए से बढ़ाकर 13500 रुपए किया गया है।