झुंझुनू

लोकसभा चुनाव का बहिष्कार: जब तक पानी नहीं, तब तक वोट नहीं

झुंझुनूं, चूरू, सीकर व नीमकाथाना जिले के लोग पीने के पानी के साथ-साथ सिंचाई के पानी के लिए भी जूझ रहे हैं। जबकि चारों जिलों में कई दशकों से दोनों ही बड़ी पार्टियों से जुड़े प्रतिनिधि नहर के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे हैं। लेकिन नहर का पानी आज तक नहीं पहुंच पाया है।

झुंझुनूApr 07, 2024 / 09:55 pm

Jitendra

हमीनपुर गांव में लोकसभा चुनाव बहिष्कार के लिए सभा करते ग्रामीण।

खेतों में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे शेखावाटी अंचल के लोगों का गुस्सा फुट पड़ा। शेखावाटी के कई गांवों के लोगों ने इसस बार 19 अप्रेल को होने वाले लोकसभा चुनावों के बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है। ग्रामीणों ने यहां तक चेतावनी दे दी है कि वोट तो डालेंगे ही नहीं, किसी भी पार्टी के प्रत्याशी को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। झुंझुनूं जिले के हमीनपुर के ग्रामीण पहले ही मतदान बहिष्कार का निर्णय कर चुके हैं। अब बनगोठड़ी एवं केहरपुरा के ग्रामीणों ने यह फैसला ले लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक जल नहीं तब तक वोट नहीं। रविवार को हमीनपुर एवं गाडोली के लोगों ने सभा बुलाकर वोट नहीं डालने की शपथ ली। साथ में यह भी निर्णय लिया कि किसी भी लोकसभा प्रत्याशी या उसके कार्यकर्ताओं को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। हालांकि लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर रहे ग्रामीणों से प्रशासन समझाइश कर रहा है।

सिंचाई व पेयजल के लिए जूझ रहा शेखावाटी
झुंझुनूं, चूरू, सीकर व नीमकाथाना जिले के लोग पीने के पानी के साथ-साथ सिंचाई के पानी के लिए भी जूझ रहे हैं। जबकि चारों जिलों में कई दशकों से दोनों ही बड़ी पार्टियों से जुड़े प्रतिनिधि नहर के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ते और जीतते आ रहे हैं। लेकिन नहर का पानी आज तक नहीं पहुंच पाया है। यहां तक की इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत कुंभाराम लिफ्ट कैनाल का पानी भी शेखावाटी अंचल के दस फीसदी हिस्से तक नहीं पहुंच पाया है।

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