नैना ने बताया कि वे इसलिए ऐसा करती हैं ताकि लोग बेटियों को बोझ न समझें, उन्हें लावारिस न बनाएं… उन्हें भी जीने दें। आए दिन लावारिस हालत में बेटियों को फेंकने की घटनाओं ने उनको झकझोर दिया है। अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ संदेश को भी घर-घर पहुंचा रही हैं। बेटियों के जन्म पर नैना लोगों को जलवा, कुआं पूजन और दसोटण जैसे कार्यक्रमों के लिए भी प्रेरित कर रही हैं।
पुलिस थाने पहुंचे किन्नर, पहलवान व उसके साथियों पर लगाए गंभीर आरोप
10 लड़कियों की करा चुकी शादी:
नैना अभी तक 10 से अधिक लड़कियों की शादी में आर्थिक मदद कर चुकी है। लॉकडाउन में उन्होंने तमाम लोगों को रोटी-पानी से लेकर हर तरह की मदद की। इसी तरह 10 बच्चों को अपने पैसों से पढ़ाई करवा रही है। बच्चियों के लिए समय-समय पर खेलों का आयोजन भी करवाती है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण के लिए भी वे चंदा जुटाती है। गायों की सेवा करते हुए वे अक्सर दिख जाती है।
किन्नरों ने कलेजा ‘कठोर’ कर नम आंखों से धूमधाम के साथ बेटी ‘कोमल’ को ‘पवन’ के साथ दी विदाई
पढ़ाई में मदद के लिए हर समय तैयार:
आठवीं पास नैना किन्नर ने बताया कि हालातों ने भले ही उन्हें पढऩे नहीं दिया, मगर वह बच्चों में शिक्षा का उजियारा फैलाना चाहती है। वह कहती है कि शिक्षा ही हमें सामाजिक कुरीतियों से दूर कर सकती है। वह किन्नर समाज को भी शिक्षा से जोडऩे की मुहिम भी चला रही है।