झुंझुनूं. देश को सबसे ज्यादा फौजी व उद्योगपति देने वाले सीकर व झुंझुनूं जिला मुख्यालय से दिल्ली अभी भी दूर है। दोनों स्टेशनों से दिल्ली के लिए एक भी ट्रेन दिन में नियमित नहीं है। नियमित केवल एक ट्रेन सैनिक एक्सप्रेस चलती है, उसका भी टाइम आधी रात को बारह बजे बाद का है। सर्दी में पूरी रात रेल में यात्री परेशान होते रहते हैं। यह ट्रेन सुबह पांच बजे के लगभग दिल्ली कैंट व छह बजे पुरानी दिल्ली पहुंचाती है। यात्रियों का कहना है जिनको रात को यात्रा करनी है, उनके लिए तो ट्रेन ठीक है, लेकिन बुजर्ग व बच्चों के लिए यह ट्रेन सही नहीं है। बजट में दिल्ली से जयपुर के बीच दो नई ट्रेन चलने से ही यात्रियों को फायदा होगा।
झुंझुनूं से दिल्ली सैनिक एक्सप्रेस रात 12 बजकर 1 मिनटदिल्ली कैंट 5 बजकर 5 मिनट पुरानी दिल्ली 6 बजे ——————- ट्रेन के डिब्बे भी कमसैनिक एक्सप्रेस ट्रेन में डिब्बों की संख्या भी मात्र 14 है। जबकि इसमें यात्री भार के अनुसार कम से कम बीस या 24 डिब्बे होने चाहिए। औसत यहां हर दिन सामान्य टिकट 150 और आरक्षित टिकट 60 के लगभग कटते हैं। यह ट्रेन हर दिन पूरी भरी हुई चलती है। सात दिन से पहले आरक्षित टिकट मिलना मुश्किल रहता है।
दूसरी ट्रेन चले नियमित सीकर से दिल्ली के बीच दोपहर बाद तीन बजकर 45 मिनट पर एक ट्रेन है, लेकिन यह सप्ताह में केवल दो दिन बुधवार व शुक्रवार को ही चलती है। यात्रियों का कहना है कि इसका समय दोपहर में बारह बजे होना चाहिए। यह ट्रेन नियमित चलनी चाहिए। इसके अलावा एक ट्रेन सुबह छह बजे के लगभग चलनी चाहिए।
इनका कहना हैयुवाओं को परीक्षा देने व अन्य कार्य से दिल्ली जाना पड़ता है। सैकड़ों युवा दिल्ली पढा़ई करते हैं। कई वहीं रहकर कोचिंग करते हैं। उनको दिल्ली से घर आना-जाना पड़ता है। ऐसे में बजट में दिल्ली के लिए दो नई ट्रेन नियमित मिल जाए तो पूरे जिले के साथ सीकर को भी फायदा होगा।
मुकेश कुमार, युवा जिले के अनेक फौजी पूरे देश के अनेक स्थानों पर ड्यूटी करते हैं। लेकिन नियमित रेल सेवा नहीं होने के कारण उनको बसों व अन्य वाहनों से जाना पड़ता है। दिल्ली के लिए नियमित दो नई ट्रेन और चलनी चाहिए। इससे फौजियों के साथ हर वर्ग को फायदा होगा।
अमर चंद खेदड़, रिटायर्ड कैप्टन