शेखावाटी का झुंझुनूं जिला देश के शूरवीरों, बहादुरों के क्षेत्र में अपनी विशिष्ठ पहचान रखता है। पूरे देश में सर्वाधिक सैनिक देने वाले इस जिले की मिट्टी के कण-कण में वीरता टपकती है। हवलदार मेजर पीरू सिंह का जन्म 20 मई 1918 को राजस्थान के झुंझनूं जिले में स्थित बेरी गांव में हुआ था। 20 मई 1936 को वे सेना में भर्ती हुए। उस रोज उनका जन्मदिन था। 1939 में दूसरा महायुद्ध शुरू हुआ और 1947 में भारत का बंटवारा हो गया। एक तरफ पाकिस्तान कश्मीर में उपद्रव फैलाने की नीति पर काम कर रहा था तो दूसरी तरफ भारतीय सेना उपद्रवियों के साथ ही पाकिस्तान की सैना से मुकाबला कर रही थी। पीरू सिंह को भी पाकिस्तान की सैना के साथ मुकाबले के लिए भेजा गया। उन्होंने पाक सैना के साथ युद्ध के दौरान कई चौकियां तबाह कर दी। उनकी कुशल रणनीति से पाकिस्तानी जनरल असहाय महसूस करने लगे। घायल होने के बावजूद भी वह रुके नहीं और पाकिस्तान पर हमला बोला। इस दौरान पाकिस्तान से आ रही एक गोली उनके सिर में लगी। इसी के साथ भारत का सपूत अपनी मातृभूमि की रक्षा करते शहीद हो गया। झुंझुनूं में उनके नाम पर ‘पीरू सिंह शेखावत’ सर्किल है। लोग यहां आकर शहीद को नमन करते हैं।
शहीद मेजर पीरु सिंह देंगे श्रद्धांजलि
लायन्स क्लब की ओर से रविवार प्रात: 8 बजे शहीद हवलदार मेजर पीरु सिंह के जन्म शताब्दी वर्ष पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम पीरुसिंह सर्किल पर आयोजित होगा। लायन्स क्लब अध्यक्ष नरेन्द्र व्यास एवं कार्यक्रम संयोजक डा.उम्मेंद सिंह शेखावत ने बताया कि 20 मई को आयोजित कार्यक्रम में प्रात: 8 बजे शहीद हवलदार मेजर पीरुसिंह को श्रद्धांजलि के साथ जन्म शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा। वहीं परमवीर पीरूसिंह शेखावत जन्म शताब्दी समारोह समिति की ओर से श्री शार्दुल छात्रावास में सुबह 8.30 बजे शहीद पीरू सिंह का जन्म शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। सभा स्थल से प्रतिमा स्थल तक जुलूस के रुप में पहुंच कर वहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस मौके पर उनके जीवन पर लिखी पुस्तक का भी वितरण किया जाएगा।