बिसाऊ की मूक रामलीला का कोई पात्र संवाद नहीं बोलता। शाम के उजाले में कलाकार चेहरे पर मुखौटे लगाकर खुले मैदान में ढोल-तासों की आवाज पर नृत्य की मुद्रा में लीला का मंचन करते हैं। यह रामलीला पंद्रह दिन तक चलती है। पात्रों की पोशाक भी स्वरूप के अनुकूल होती है। राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व सीता का सलमें-सितारों से श्रृंगार किया जाता है।
झुंझुनू•Sep 05, 2022 / 11:37 pm•
युगलेश कुमार शर्मा
रामविवाह का यह मनोरम दृश्य है। इसमें लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के साथ शिवजी, गणेशजी, ब्रह्माजी सहित अन्य देवी-देवता नजर आ रहे हैं।
राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता का विवाह करने के लिए स्वयंवर का आयोजन किया। उन्होंने देश-विदेश के राजाओं को आमंत्रित किया। कोई भी राजा शिव जी के धनुष को उठाना तो दूर कोई हिला तक न सका। बाद में विश्वामित्र की आज्ञा पाकर श्रीराम ने धनुष का खंडन कर दिया।
भगवान परशुराम को जब शिव धनुश भंग होने की जानकारी मिली तो वे क्रोधित हो गए। इस दौरान परशुराम और लक्ष्मण के बीच तीखे संवाद हुए। परशुराम बने भामाशाह कमल पौद्दार।
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