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Sawan 2024 festival: राजस्थान का अनूठा मंदिर… जहां शिवजी के साथ माता पार्वती की प्रतिमा नहीं

Khaneshwar Dham: साढ़े सोलह सौ वर्ष पूर्व पास में स्थित काली डूंगरी में खाने ढह जाने के बाद से ही शिव मंदिर का नाम खानेश्वर पड़ा। खानेश्वर शिवमंदिर के प्रति शिव भक्तों में गहरी आस्था है।

झुंझुनूJul 22, 2024 / 12:29 pm

Anil Prajapat

Sawan 2024: झुंझुनूं। उदयपुरवाटी कस्बे से लगभग एक किलोमीटर दूर धनावता गांव में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। वर्तमान में खानेश्वर धाम के नाम से प्रसिद्ध है। शिव मंदिर के पास स्थित काली डूंगरी में तांबा निकालने के लिए 52 खदाने थी। बताते हैं ये खदाने साढे सोलह सौ वर्ष पूर्व ढह गई थी। जिसके बाद से धनावता में स्थित भगवान शिव के मंदिर को खानेश्वर के नाम से जाना जाता है।
खानेश्वर धाम में पिछले 35 सालों से भगवान शिव की सेवा में जुटे शंकरदास के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों की तरह खानेश्वर में भी माता पार्वती और कार्तिकेय की कोई प्रतिमा नहीं है। मंदिर में शिवलिंग के साथ शेषनाग, नंदी और गणेश की प्रतिमा विराजमान है।
साढ़े सोलह सौ वर्ष पूर्व पास में स्थित काली डूंगरी में खाने ढह जाने के बाद से ही शिव मंदिर का नाम खानेश्वर पड़ा। खानेश्वर शिवमंदिर के प्रति शिव भक्तों में गहरी आस्था है। यह गांव उदयपुरवाटी से पहले बस गया था।
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जीर्णोद्धार पर खर्च हुए सवा करोड़

धनावता में स्थित शिव मंदिर खानेश्वर प्राचीन होने पर दो साल पहले प्रवासियों, स्थानीय लोगों के सहयोग से लगभग सवा करोड़ रुपए की लागत से मंदिर को जीर्णोद्धार करवाया गया। मंदिर परिसर में पार्क विकसित कर ओपन जिम लगाई गई है।
अरावली की पहाडिय़ों की गोद में स्थित खानेश्वर धाम जीर्णोद्धार के बाद आस्था के स्थान के साथ एक नए स्वरूप में नजर आ रहा है। यहां सावन में स्थानीय के साथ बड़ी संख्या में प्रवासी भक्त भी आते हैं।
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