215 मीटर की गहराई पर तेज धमाके के साथ लिफ्ट एक जगह टकराई। लिफ्ट में सवार जितने भी अधिकारी थे लगभग सभी के पैरों व अन्य अंगों में फ्रेक्चर हो चुका था। मेरे पैरों में भी फ्रेक्चर हो चुका था लेकिन हिम्मत नहीं हारी और खदान में 30 मीटर पर सीढ़ियों के रास्ते घिसटते सेफ जोन में आए और वहां लगे ऑटो फोन से हादसे की सूचना दी। इसके बाद अलर्ट मोड पर आई कंपनी की आपातकालीन सेवाओं ने हमे संभाल लिया।
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